औरंगाबाद : सरकार ने मरीजों को घर से अस्पताल लाने व इलाज के बाद घर पहुंचाने के लिए लाखों खर्च कर सरकारी एंबुलेंस (102) की सेवा जिले के सभीअस्पतालों में उपलब्ध करायी है. लेकिन, इसका उपयोग किस प्रकार से किया जा रहा है इसका उदाहरण सदर अस्पताल में देखने को मिल रहा है. मरीजों को ले जानेके बजाय एंबुलेंस में किताब व दवा सहित अन्य सामग्री ले जाया जा रहा है. एंबुलेंस के बारे में पता किया गया, तो मालूम हुआ कि सदर अस्पताल का नहीं बल्कि ओबरापीएचसी का एंबुलेंस है, जो मरीज को लेकर नहीं बल्कि दवा लेने के लिए आया हुआ है.
इस संबंध में जब चालक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एंबुलेंस चलाने की जिम्मेदारी है, यदि मरीज को लेकर जाने के लिए कहा जाता है तो मरीज को ले जाते हैं, सामान लाने के लिए कहा गया तो यहां आये हुए हैं. मामला चाहे जो भी हो जिस वक्त सदर अस्पताल में एंबुलेंस सामान लाने के लिए आया हुआ था, यदि उसी वक्त कोई गंभीर मरीज ओबरा में आ जाता और एंबुलेंस की जरूरत होती, तो क्या कहा जाता. इस संबंध में पक्ष जानने के लिए ओबरा पीएचसी के प्रभारी से संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. अब देखना यह होगा कि इस तरह की लापरवाही में कौन सी कार्रवाई की जाती है या फिर इसी तरह सब कुछ चलते रहेगा.