अरवल : अंकित अपहरण कांड का खुलासा अरवल पुलिस ने कर दिया है. अंकित का अपहरण नहीं, बल्कि वह पिता की प्रताड़ना से तंग आकर भाग गया था, जबकि पिता ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवायी थी. मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि अंकित को मुख्यमंत्री साइकिल योजना अंतर्गत राशि मिली थी. उसके पिता अंकित से मुख्यमंत्री साइकिल योजना की राशि लेना चाहते थे. इसके लिए पिता अमरेंद्र कुमार उसे प्रताड़ित कर रहे थे. पिता की प्रताड़ना से तंग आकर अंकित भाग गया. एसपी ने बताया कि बच्चे के अपहरण करने के मामले की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. मानिकपुर ओपी में 13 मई, 2018 को अंकित कुमार के माता-पिता ने थानाध्यक्ष को लिखित आवेदन दिया था कि हमारे पुत्र का अपहरण किया गया है,
जिस पर थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी के बाद अपहरण के केस को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलने लगी थीं एवं पुलिस पर भी कई तरह के आरोप बच्चे के परिजन लगा रहे थे. एसपी ने केस को गंभीरता से लिया. पुलिस पदाधिकारियों की टीम बनाकर अपहरण कांड का जांच कराया. गठित टीम द्वारा जांच करने के बाद यह पता चला कि बच्चे का अपहरण नहीं किया गया था, बल्कि खुद भाग निकला था. बच्चे के भागने का कारण यह था कि अंकित कुमार वर्ग 10 में पढ़ाई करता था. मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत अंकित कुमार को साइकिल खरीदारी के लिए राशि मिली थी. उसके पिता अमरेंद्र कुमार सिंह चाहते थे कि अंकित मिली हुई राशि से साइकिल न खरीदकर घर में कुछ काम किया जाये. उसी का विरोध करने पर अंकित कुमार से पिता रुपये छीन लिये थे, जबकि वह साइकिल की खरीदकर आगे की पढ़ाई करना चाहता था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अंकित बंगलुरु में एक होटल में काम कर रहा है. इसी पर एसपी ने मानिकपुर थानाध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारी ऋतुराज कुमार सिंह की टीम बनाकर बंगलुरु भेजी. टीम ने वहां से छात्र को बरामद कर लिया. बरामद बच्चे ने एसपी के समक्ष बयान दिया है कि मेरा किसी ने अपहरण नहीं किया था, बल्कि पिता से तंग आकर भागा था. अंकित ने यह भी बताया कि हमारे पिता माता और भाई के साथ मारपीट किया करते हैं. हम उनके साथ किसी भी हाल में नहीं रहना चाहते हैं. जिस पर एसपी ने कहा कि आप किसके साथ रहना चाहते हो, तब उसने बताया कि अपने चाचा के साथ रहना चाहते है.
एसपी ने मानिकपुर थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि अंकित अपने चाचा के साथ रहना चाहता है तो उन्हीं के साथ पेपर पर बांड बनाकर रहने दिया जाये. अगर पिता के द्वारा अंकित को तंग किया जाता है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा जायेगा. मालूम हो कि जब से बच्चे के अपहरण का मामला परिजनों द्वारा उठाया गया था, तब से अरवल का पुलिस प्रशासन काफी परेशान था. जैसे ही बच्चे का बरामदगी हुई, पुलिस पदाधिकारी एवं थानाध्यक्ष ने चैन की सांस ली. बरामद अंकित से डीएम सतीश कुमार सिंह ने भी पूछताछ की. डीएम ने अंकित से कहा कि आप पढ़ना चाहते हैं तो पढ़ें, जहां पर भी रहना चाहते हैं रहें. पिता आपको किसी भी तरह के तंग करता है तो जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन को शीघ्र सूचना दें. जिला प्रशासन और पुलिस आपके साथ है.