जागरूकता. कुपोषित बच्चों की सुध लेने के लिए प्रशासन ने शुरू की पहल
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नौ टोलों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
जागरूकता. कुपोषित बच्चों की सुध लेने के लिए प्रशासन ने शुरू की पहल अररिया : जिले में कम उम्र के बच्चों में कुपोषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है. स्थिति की गंभरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में पांच साल से कम आयुवर्ग के तीन चौथायी बच्चे कुपोषित हैं. […]
अररिया : जिले में कम उम्र के बच्चों में कुपोषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है. स्थिति की गंभरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में पांच साल से कम आयुवर्ग के तीन चौथायी बच्चे कुपोषित हैं. बच्चों के पोषण इंडेक्स में जिले का शुमार देश भर में सबसे पिछड़े जिलों में होता है. पर संतोष की बात ये हे कि जिला प्रशासन ने इस समस्या को एक चुनौती के रूप में लेते हुए इस से निपटने के लिए एक जंग छेड़ने का निर्णय लिया है.
बच्चों को कुपोषण से बचाने व कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य बनाने की रणनीती पर चर्चा के लिए मंगलवार को आयोजित बैठक में डीएम ने हिमांशु शर्मा ने कहा कि बच्चों में कुपोषण जिले के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है.बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है. पर स्वास्थ्य विभाग, आइसीडीएस व अन्य संबंधित एजेंसियां के संयुक्त प्रयास से इस चुनौती से निपटा जा सकता है.
आत्मन कक्ष में हुई बैठक में मिली जानकारी के अनुसार जिले के बच्चों के कुपोषण की स्थिति ओडीसा के कालाहांडी व बोलंगीर आदि से भी खराब है. बताया गया कि पूर्व की बैठकों में डीएम द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में जिले के सभी नौ प्रखंडों के एक एक पंचायत में एक एक ऐसे टोले का चयन किया गया है, जहां बच्चों में कुपोषण की स्थिति भयावह है.
शुरू किया जायेगा पायलट प्रोजेक्ट : डीएम के निर्देश पर बैठक में बनी रणनीति के मुताबिक सभी चयनित नौ टोलों में कुपोषण के खिलाफ पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जायेगा. चयनित टोलों में कुपोषण से छुटकारा दिलाने के लिए बहुआमी कार्य योजना पर अमल किया जायेगा. अभियान होली के बाछ शुरू कर दिया जायेगा.
बैठक में उपस्थित जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान अशरफ ने बताया कि चर्चा के क्रम में ये बात सामने आयी कि कुपोषण के प्रमुख कारणों में साफ सफाई की कमी के अलावा बच्चों को पोषक आहार का नहीं मिलना व बच्चों के पोषण के प्रति अभिभावकों में जागरूकता की कमी शामिल हैं. बैठक में लिए गये निर्णय के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित टोलों में बच्चों के आवश्यक पोषण के लिए अभिभावकों के बीच जागरूकता अभियान चला कर काउंसलिंग की जायेगी.
डीएम ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर इसके विस्तार की रणनीति बनायी जायेगी. बैठक में डब्लूएचओ के एसआरटीएल डा परिणीत, केयर इंडिया की प्रतिनिधि निम्मी, आइसीडीएस के डीपीओ धीरेंद्र मिश्रा, स्वच्छ भारत अभियान के जिला समन्वयक रोहन सिंह, एडीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार के अलावा सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
पांच साल से कम आयुवर्ग के तीन चौथायी बच्चें कुपोषित
साफ-सफाई व पोषण को ले जागरूकता की कमी मुख्य कारण
डीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक, दिये निर्देश
यहां चलेगा पायलट प्रोजेक्ट
प्रखंड पंचायत टोला
अररिया हयातपुर फकीर टोला
भरगामा मानुल्लाहपट्टी हरिजन टोला
फारबिसगंज किरकिचिया वार्ड संख्या छह
जोकीहाट बागनगर सैफुल्ला वार्ड 11
कुर्साकांटा सुंदरी मुसलमान टोला
नरपतगंज बढ़ेपाड़ा ऋषिदेव टोला
पलासी धर्मगंज वार्ड संख्या-1
रानीगंज बेलसरा मुसहरी टोला
सिकटी बेंगा भवानीपुर
कुपोषित बच्चों को दिया जायेगा पूरक आहार
जागरूकता के साथ साथ अति कुपोषित बच्चों को आंगन बाड़ी व एनआरसी के माध्यम से पूरक आहार व आवश्यक दवाईयां उपलब्ध करा कर कुपोषण से उबारा जायेगा. इसी क्रम में डीएम ने कहा कि एक माह तक आइसीडीएस की महिला पर्यवेक्षिकाओं को अपने अपने पोषक क्षेत्रों में लगातार सक्रिया रहना होगा. माह में कम से कम पांच बार उन्हें चयनित टोले का भगमण कर मातांओं के साथ बैठक आयोजित करनी होगी. बच्चों के स्वास्थ्य सुधार की भी मानीटिरंग होनी चाहिए. डीएम ने कहा कि अभियान शुरू होने से पूर्व सभी लक्षति कुपोषित बच्चों के फोटाग्राफ लिये जायें. एक माह बाद फिर से उन्हीं बच्चों का फोटो लिया जाये. ताकि अभियान का प्रभाव नजर आ सके.
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