11 दिसंबर 2004 को कुआपोखर के शिवनंदन राय की डकैती के क्रम में हुई थी हत्या
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12 वर्ष बाद हत्यारोपित को उम्रकैद चार आरोपियों को किया गया दोषमुक्त
11 दिसंबर 2004 को कुआपोखर के शिवनंदन राय की डकैती के क्रम में हुई थी हत्या अररिया : शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमाकांत यादव ने डकैती के क्रम में गृहस्वामी की हत्या का मामला प्रमाणित होने पर एक आरोपित प्रमोद कुमार राय को आजीवन कारावास की सजा […]
अररिया : शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमाकांत यादव ने डकैती के क्रम में गृहस्वामी की हत्या का मामला प्रमाणित होने पर एक आरोपित प्रमोद कुमार राय को आजीवन कारावास की सजा दी. वहीं अन्य चार कथित आरोपियों को दोषमुक्त किया. न्यायाधीश श्री यादव ने आजीवन कारावास पाने वाले प्रमोद को आर्थिक दंड के रूप में 40 हजार रुपये जमा करने का आदेश भी जारी किया है. इतना ही नही, अगर प्रमोद आर्थिक दंड की राशि जमा नहीं करते हैं,
तो उन्हें एक वर्ष साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. घटना के संबंध में पूछने पर व्यवहार न्यायालय के वर्त्तमान लोक अभियोजक महेश्वर प्रसाद शर्मा ने बताया कि 11 दिसंबर 2004 की संध्या साढ़े सात बजे जिले के सिकटी थाना अंतर्गत कुआपोखर गांव के प्रमोद कुमार राय द्वारा डकैती के इरादे से शिवनंदन राय के घर मे आग्नेयास्त्र के साथ हमला किया गया था. इनके साथ अन्य लोग भी थे. डकैती का विरोध गृहस्वामी शिवनंदन राय द्वारा किया गया,
जिसके बाद आरोपियों ने पहले शिवनंदन राय की जमकर पिटाई की तथा बाद में बंदूक से गोली चलाकर शिवनंदन राय हत्या कर दी. न्यायाधीश श्री यादव ने एक आरोपी को दोषी पाया, जबकि अन्य चार कथित आरोपी क्रमश: बसंत पासवान, जर्नादन झा, गंगा मंडन व सुभाष सरदार को आरोप से मुक्त किया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता मो ताहा ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी थी.
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