टाउन हॉल मुशायरा में शामिल हुए दो दर्जन कवि व शायर
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सद्भावना मंच के बैनर तले हुआ मुशायरा सह कवि सम्मेलन
टाउन हॉल मुशायरा में शामिल हुए दो दर्जन कवि व शायर अररिया : सद्भावना मंच के बैनर तले चलाये गये शांति व मानवता अभियान के अंतिम चरण में रविवार को आयोजित मुशायरा सह कवि सम्मेलन में सीमांचल के लगभग दो दर्जन नामचीन कवि व शायरों ने अपना कलाम पेश किया. टाउन हॉल में देर रात […]
अररिया : सद्भावना मंच के बैनर तले चलाये गये शांति व मानवता अभियान के अंतिम चरण में रविवार को आयोजित मुशायरा सह कवि सम्मेलन में सीमांचल के लगभग दो दर्जन नामचीन कवि व शायरों ने अपना कलाम पेश किया. टाउन हॉल में देर रात तक चले कवि सम्मेलन की अध्यक्षता एलएन मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व उर्दू विभागाध्यक्ष डा जफर हबीब ने की. जबिक संचालन युवा कवि व शिक्षक एसएच मासूम ने किया.
कवि सम्मेलन के दौरान जब शायर अब्दुल बारी जख्मी ने अपना ये योर पढ़ा कि इस दौरे सियासत के अजब हैं रास्ते, लाशों पे चलके जाते हैं कुरसी के वास्ते तो हॉल तालियों से गूंज उठा. इस अवसर पर रूमानी से लेकर हास्य व्यंग में डूबी शायरी का भी लुत्फ श्रोताओं ने उठाया. कवि सम्मेलन में जिन शायरों व कवियों ने अपने कलाम पेश किये उन में उमा शंकर अचल, जुबैरूल हसन गाफिल, अनवर इरज,
तबरेज हाशमी, हारून रशीद गाफिल, दीन रजा अख्तर, पुारमान अली फरामन, भोला पंडित प्रणयी, अहमद हसन दानिश, कलाम अजनबी, हामिद हुसैन हामी, आलोक कुमार मल्लिक, मनहरण, शमीम अनवर, हारिस मुजतर, ताजुद्दीन नाशिर, राम शरण मंडल, जावेद आलम ताजी, ताहा खामोश, अब्दुल वहाब साकिब, अब्दुल गनी लबीब, नकी अहमद, तबरेज हाशमी, जहांगीर नायाब, रफीकुल अकरम, अफफान अहमद कामिल, सुशील श्रीवास्तव व मुर्शिद आलम आदि शामिल हैं. अतिथियों का स्वागत मो मोहसिन ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने शफीक एजाज सोनी व जाहिद अनवर आदि ने सक्रिय योगदान दिया. वहीं श्रेाताओं में सदभावाना मंच के संरक्षक हंसराज प्रसाद के अलावा इंजीनियर जुबेर आलम, केसर इसलाम, हाजी रजी अहमद, सेवानिवृत डीएम सैयद परवेज आलम, फारूक आजम व शम्स आजम सहित दर्जनों साहित्य प्रेमी शामिल थे.
बेहतर समाज के निर्माण में लगे हैं सेवानिवृत शिक्षक रहबान अली राकेश : शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की चर्चा तो समाज में आम सी बात हो कर रह गयी है. शिक्षकों, खास कर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की मर्यादा व कर्तव्यनिष्ठा पर आये दिन सवाल भी उठते रहते हैं. पर इसी समाज में वैसे शिक्षकों की संख्या भी कम नहीं जो बेहतर समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसी ही एक मिसाल सेवानिवृत शिक्षक रहबान अली राकेश भी कायम करने में लगे हैं.
हिंदी भाषा के चर्चित कहानीकार की ख्याति रखने वाले श्री राकेश सेवानिवृत्त होने के बाद से ही समाज सुधार की मुहिम शुरू कर चुके हैं. अपने गांव व पंचायत को नशा मुक्त बनाने में वे अपना सक्रिय योदान दे रहे हें. मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान उन्होंने मतदाता जागरूकता को लेकर अपने स्तर से मुहिम चलायी. तरह तरह के पोस्टर बैनर लगवा कर मतदाताओं को जागरूक किया. वहीं पूर्ण नशा बंदी का अभियान भी चला रहे हैं. बताया जाता हे कि नशा मुक्ति को लेकर उन्होंने अपने गृह पंचायत जोकीहाट प्रखंड के चिरह में कुछ माह पहले बड़ा आयोजन किया था. कार्यक्रम में सभी धर्मों के सैकड़ों लोग शामिल हुए थे. इसी अवसर पर लोगों ने शाराब न पीने की कसम खायी.
बताया जाता है श्री राकेश ने एमडब्लूइ ट्रस्ट के चेयरमैन की हैसियत से दर्जनों ऐसे लोगों को सम्मानित कर चुके हैं, जिन्होंने शराब पीना छोड़ दिया है. बताया जाता है कि बीते दिनों अपने हिंगना औराही भ्रमणसदभावना मंच के बैनर तले हुआ मुशायरा सह कवि सम्मेलन लाशों पे चलके जाते हैं कुरसी के वास्ते.
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