पांच दिनों से जारी है हड़ताल
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परेशानी. आभूषण व्यवसायियों की हड़ताल से प्रभावित हो रहे समारोह
पांच दिनों से जारी है हड़ताल आभूषण व्यवसायियों की पांच दिनों से हड़ताल जारी है. इसकी वजह से नहीं हो पा रही है स्वर्णआभूषणों की खरीदारी, डिलिवरी व बुकिंग बंद है. हड़ताल से परेशान जिलावासी शादी-विवाह की निर्धारित तिथियों में बदलाव के लिए मजबूर हो रहे हैं. अररिया : शादी विवाह सहित अन्य पारिवारिक व […]
आभूषण व्यवसायियों की पांच दिनों से हड़ताल जारी है. इसकी वजह से नहीं हो पा रही है स्वर्णआभूषणों की खरीदारी, डिलिवरी व बुकिंग बंद है. हड़ताल से परेशान जिलावासी शादी-विवाह की निर्धारित तिथियों में बदलाव के लिए मजबूर हो रहे हैं.
अररिया : शादी विवाह सहित अन्य पारिवारिक व धार्मिक संस्कारों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले मार्च महीने में आभूषण व्यवसायियों की जारी हड़ताल जिलावासियों की मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हो रहा है. हड़ताल के कारण जिलावासी शादी-विवाह की निर्धारित तिथियों में बदलाव के लिए मजबूर हो रहे हैं. गौरतलब है कि पांच दिनों से जिले में आभूषणों की तमाम दुकानों पर ताला जड़ा है. केंद्रीय बजट में स्वर्ण व्यवसाय पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ाये जाने के सरकारी निर्णय के खिलाफ आभूषण की तमाम दुकानें बंद पड़ी हैं.
इससे एक तो दुकानदारों द्वारा पूर्व में लिये गये ऑर्डर की डिलिवरी नहीं हो रही है, तो दूसरी तरफ नये ऑर्डर भी बुक नहीं किये जा रहे हैं. सरकार और स्वर्ण व्यवसायियों के बीच जारी खींचतान में सोना-चांदी आभूषण के जिले में रोजाना होने वाले करोड़ों रुपये के व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं.
हड़ताल से आयोजनों में पड़ रहा है खलल: स्वर्ण व्यवसायियों की हड़ताल से शादी विवाह जैसे जरूरी समारोहों में खलल पड़ रहा है. जिन परिवारों में शादी व विवाह की तिथियां पूर्व में तय थी. हड़ताल की वजह से वे इसमें बदलाव के लिए वे बाध्य हो रहे हैं. दरअसल ऐसे समारोह में स्वर्णाभूषणों को काफी शुभ माना जाता है, लेकिन हड़ताल की वजह से बाजार में आभूषण उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. हड़ताल के कारण पूर्व में लिए ऑर्डर की डिलिवरी भी नहीं हो पा रही है.
एक्साइज ड्यूटी के अलावे अन्य बातों पर भी है व्यवसायियों की आपत्ति: मोटे तौर पर तो स्वर्ण व्यवसायी सोना चांदी के व्यवसाय पर सरकार द्वारा एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के निर्णय को ले सामूहिक हड़ताल पर हैं, लेकिन इसके अलावा भी कुछ कारण हैं जिससे स्वर्ण व्यवसायियों के मन में संशय व्याप्त है और वे सामूहिक विरोध कर रहे हैं. व्यवसायियों की मानें तो सरकार नये प्रावधानों से स्वर्ण व्यवसायियों के ऊपर अपना शिकंजा कसना चाहती है.
जानकारी मुताबिक व्यवसायियों को हाल के महीने में एक्साइज विभाग द्वारा सालाना आय-व्यय के विस्तृत विवरण समर्पित करने संबंधी पत्र प्राप्त हुआ है. इससे पहले व्यवसायी अपने सालाना व्यवसाय पर सरकार को सेल टैक्स अदा करते थे. स्वर्ण व्यवसायी अजय कुमार ने बताया कि सरकार स्वर्ण व्यवसाय को सेंट्रल एक्साइज व कस्टम विभाग के हाथों सौंपना चाहती है.
व्यवसायियों में एक लाख से ज्यादा के कारोबार पर ग्राहकों से पैन कार्ड की मांग किया जाना आवश्यक बनाये जाने को लेकर संशय है. उनकी मानें तो इससे स्वर्ण व्यवसाय प्रभावित होगा. इसके अलावा दुकानों में उपलब्ध सोना के विस्तृत विवरण रखने, लेखा पुस्तिका व आय व्यय के विवरण संबंधी निगरानी का अधिकार एक्साइज व कस्टम को सौंप कर स्वर्ण व्यवसाय पर सरकार दारोगा राज कायम करना चाहती है.
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