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मनमाने दाम पर ईंट बेच रहे हैं भट्ठा मालिक

मनमाने दाम पर ईंट बेच रहे हैं भट्ठा मालिकपिछले साल की तुलना में ईंट के दामों में हुई 45 प्रतिशत की वृद्धि ईंट के मनमाने दाम के कारण भवन निर्माण की लागत में बेतहाशा वृद्धि फोटो:1-ईंट भट्ठा की फाइल तसवीर प्रतिनिधि, अररिया ईंट भट्ठा संचालकों की मनमानी के कारण जिले के गरीब व मध्यम वर्गीय […]

मनमाने दाम पर ईंट बेच रहे हैं भट्ठा मालिकपिछले साल की तुलना में ईंट के दामों में हुई 45 प्रतिशत की वृद्धि ईंट के मनमाने दाम के कारण भवन निर्माण की लागत में बेतहाशा वृद्धि फोटो:1-ईंट भट्ठा की फाइल तसवीर प्रतिनिधि, अररिया ईंट भट्ठा संचालकों की मनमानी के कारण जिले के गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों के लिए पक्के मकान के निर्माण की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. भट्ठा मालिकों द्वारा अनियंत्रित दामों पर ईंट बेचे जाने से भवन निर्माण की लागत में बेतहाशा वृद्धि हुई है. ऐसे में कई निर्माणाधीन मकानों के निर्माण कार्य बाधित हैं, तो नये भवनों के निर्माण की प्रक्रिया भी जिले में शिथिल पड़ती जा रही है. ईंट के दामों में बेतहाशा वृद्धि के कारण गरीब व लाचार लोगों को आवास मुहैया कराने की कई सरकारी योजना पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. खास कर इंदिरा आवास जैसे सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं भी ईंट के बढ़ते दामों की भेंट चढ़ने लगी है. निर्माण लागत में हुई बढ़ोतरी के कारण इंदिरा आवास के अधिकांश लाभुक के मकान भी अधूरे व जीर्ण-शीर्ण अवस्था में ही पड़े हैं. पिछले साल की तुलना में 45 प्रतिशत बढ़ चुके हैं दाम पिछले साल की तुलना में इस बार ईंट के दामों में करीब 45 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है. पिछले साल विभिन्न भट्ठों में 5,500 से 5,800 रुपये प्रति हजार की दर से ईंट मिल रहे थे. वहीं इस बार 7,500 रुपये प्रति हजार की दर पर ईंट बेची जा रही है. कहीं-कहीं तो भट्ठा से जरूरत के स्थानों तक पहुंचाने के लिए किराये के रूप में भी अतिरिक्त रकम की वसूली की जा रही है. कुल मिला कर देखें तो दूर दराज के इलाकों तक ईंट की पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए लोगों को 8,000 रुपये से भी ज्यादा की रकम भट्ठा संचालकों को अदा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.सरकारी आवास योजना प्रभावित ईंट के बढ़े दाम के कारण गरीब व लाचार परिवारों को आवास उपलब्ध कराने की सरकारी योजना भी अधर में लटकती जा रही है. मालूम हो गरीबों को आवास के लिए प्रखंड स्तर पर इंदिरा आवास योजना संचालित है, तो वहीं नगर परिषद आइएचएसडीपी योजना के तहत गरीबों को पक्के आवास के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराती है. गौरतलब है कि ईंट के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण योजना के निर्धारित मानकों के तहत आवास का निर्माण कराना लाभुकों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है. ट्रेड यूनियन नेता ने उठायी आवाज भट्ठा संचालकों द्वारा मनमाने दाम पर ईंट बेचे जाने के विरोध में ट्रेड यूनियन जिला समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष जटा शंकर सिंह ने जिला पदाधिकारी को पत्र लिख कर अपनी चिंता जतायी है. डीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि ईंट के मनमाने दाम के कारण गरीब व लाचार लोगों के लिए पक्का मकान का निर्माण दुर्लभ होता जा रहा है. उन्होंने भट्ठा मालिकों की बैठक बुला कर ईंट के दाम निर्धारण के लिए कारगर कदम उठाने की अपील की है. दाम कम होने की उम्मीद अब भी बरकरारईंट खरीदने में वैसे तो अभी लोगों के पसीने छूट रहे हैं. लेकिन जल्द ही इसके दाम में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है. जानकार बताते हैं मांग के अनुरूप बाजारों में ईंट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. अधिकांश भट्ठों में अभी ईंट पूर्णत: तैयार नहीं हो पाया है. जैसे ही सभी भट्ठे के ईंट बिक्री के लिए पूर्णत: तैयार हो जायेंगे. इसके बाद ईंट के दाम में थोड़ी बहुत गिरावट की बात जानकार बताते हैं.

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