प्रतिनिधि,
अररिया किसानों को हुए फसल क्षति के सर्वेक्षण के दौरान शुक्रवार को चंद्रदेई पंचायत पहुंचे स्थानीय किसान सलाहकार को किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा. किसानों ने क्षति सर्वेक्षण प्रपत्र किसान सलाहकार से छीन लिये व सर्वेक्षण की प्रक्रिया का जम कर विरोध किया.
किसानों का विरोध फसल क्षति सर्वेक्षण प्रपत्र के प्रारूप से था. इसमें किसानों से मुआवजा प्राप्ति के लिए संबंधित भूमि का रशीद, केवाला, खाता, खेसरा, रकवा व बैंक एकाउंट की जानकारी मांगी जाने से किसान नाखुश थे. किसान मो निजामुद्दीन, दीपचंद ऋषि, रमेश ऋषिदेव, जमरूद्दीन, मो आलम, मो मोकिम व अन्य का कहना था कि खेत जमींदार की है. वे इस पर खेती करते हैं. उपज का निर्धारित हिस्सा वे जमींदार को देते हैं. बुआई से लेकर कटाई तक आने वाले सभी लागत को उन्हें वहन करना पड़ता है. इसलिए फसल क्षति का मुआवजा उन्हें मिलना चाहिए. सरकार जो जानकारी मांग रही है.
वह बटाई, पट्टे, कूत व अन्य माध्यम से खेती करने वाले किसानों के पास उपलब्ध ही नहीं. ऐसे में पीडि़त किसानों को तो मुआवजा से भी वंचित होना पड़ेगा. आक्रोशित किसानों को मुखिया आसिफुर्रमान ने शांत कराया. उन्होंने मामले की जानकारी संबंधित अधिकारी को दी. मालूम हुआ कि जिला कृषि पदाधिकारी जरूरी मीटिंग के सिलसिले में पटना गये हुए हैं. देर तक किसी अधिकारी के नहीं पहुंचने पर पंचायत पहुंचे विभागीय कर्मी को बिना सर्वेक्षण के वापस लौटना पड़ा.