बिखरते अरमानों को सहजने में लगे हैं पीडि़तफोटो:10 -बचे सामानों के साथ पीडि़त बच्चेप्रतिनिधि, रानीगंजरामपुर में अगलगी की घटना से पीडि़त गमगीन हैं. कोई नजर के सामने जले आशियाना को देख बेसुध है, तो कई महिला जले अनाज व गहने के साथ ही बिखरते अरमानों को सहजने के प्रयास में जुटी दिखी. इन सबके बीच घटना से मर्माहत दो मासूम मां की ममता को तरस रहे थे. बताया जाता है कि ढाई वर्ष पूर्व समीम की पत्नी नजहत बानो की मौत के बाद बच्चे बेसहारा हो गये थे. समय के साथ बेबस पिता ने मां के आंचल से दूर अपने बच्चों के चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास किया, लेकिन बुधवार को अगलगी में उसका सब कुछ बरबाद हो गया. जले घर से किसी तरह निकाल पाये कपड़ों के साथ मासूम मोताहिर व उसकी बहन निदो बिलख रही थी. अग्नि पीडि़तों ने कहा कि कुदरत ने बच्चों के सर से पहले मां, फिर घर छीन लिया.
अगलगी पीडि़त हैं गमगीन
बिखरते अरमानों को सहजने में लगे हैं पीडि़तफोटो:10 -बचे सामानों के साथ पीडि़त बच्चेप्रतिनिधि, रानीगंजरामपुर में अगलगी की घटना से पीडि़त गमगीन हैं. कोई नजर के सामने जले आशियाना को देख बेसुध है, तो कई महिला जले अनाज व गहने के साथ ही बिखरते अरमानों को सहजने के प्रयास में जुटी दिखी. इन सबके बीच […]
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