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नियम में बदलाव से उलझी मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
अररिया : निर्धारित फॉर्म सहित कई अन्य कारणों से जिले में मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना कमोबेश अधर में लटकी नजर आ रही है़ योजना की प्रगति का हाल इतना बुरा है कि राज्य महिला विकास निगम के स्पष्ट निर्देश के बावजूद जिले में न तो अब तक एक भी शिविर लग पाया है और न […]
अररिया : निर्धारित फॉर्म सहित कई अन्य कारणों से जिले में मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना कमोबेश अधर में लटकी नजर आ रही है़
योजना की प्रगति का हाल इतना बुरा है कि राज्य महिला विकास निगम के स्पष्ट निर्देश के बावजूद जिले में न तो अब तक एक भी शिविर लग पाया है और न ही आइसीडीएस के जिला कार्यालय में एक भी फॉर्म भरे जाने की सूचना है़ हद तो ये है कि लाभार्थी बच्चियों की आयु को लेकर भी खुद अधिकारियों को बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है़
गौर तलब है कि मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है़
2011 के पूर्व तक योजना के तहत लाभुक बालिकाओं को बांड दिया जाता था़ फिर उसके बाद लगभग तीन वित्तीय वर्ष तक ये योजना बंद रही़ अब इसे नये नियम कानून के जरिये लागू करने का निर्णय सरकार ने लिया है़ मिली जानकारी के अनुसार अब बांड की जगह लाभुक बालिका के नाम सरकार की ओर से बैंक में दो हजार की राशि फिक्सड डिपॉजिट की जायेगी़ ये राशि उस समय मिलेगा, जब बालिका की आयु 18 वर्ष हो जायेगी़ मिली जानकारी के अनुसार जिले के लिए यूको बैंक से करार हुआ है़ लिहाजा निर्धारित फॉर्म भी यूको बैंक लारा ही उपलब्ध करया जाना है़
वहीं बताया जाता है कि राज्य महिला विकास निगम ने लाभुकों के फॉर्म भरने के लिए 29 व 30 दिसंबर को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहला शिविर लगाने का निर्देश दिया था, जबकि दूसरा शिविर पांच से 15 जनवरी के बीच लगाया जाना था, पर आलम ये है कि अब तक एक भी शिविर नहीं लगाया जा सका है़ बताया जाता है कि इसका कारण आवश्यक फॉर्म की कमी है़ इसकी पुष्टि आइसीडीएस के डीपीओ व महिला विकास निगम के डीपीएम भी करते हैं
बताया जाता है कि जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए उपलब्ध कराये गये फॉर्म की संख्या इतनी कम है कि प्रत्येक केंद्र को औसतन तीन फॉर्म ही दिये गये हैं, जबकि आवश्यकता दो दर्जन से अधिक फॉर्म की है़ डीपीओ कार्यालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिले में 2040 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं
लगभग 25 हजार फॉर्म की जरूरत पड़ेगी़ फिलहाल 18 हजार फॉर्म की मांग की गयी थी़ पर बैंक ने लगभग सात हजार ही फॉर्म उपलब्ध कराया है़ लिहाजा प्रत्येक परियोजना को औसतन एक हजार फॉर्म ही दिया जा सका है़ कार्यालय से ये भी पता चला कि फिलहाल किसी भी केंद्र से फॉर्म भर कर भेजे जाने की सूचना नहीं है, लेकिन बीपीएल संख्या व जन्म प्रमाण पत्र आदि संकलित किये जा रहे हैं
कहते हैं डीपीओ
डीपीओ डॉ कारी महतो का कहना है कि फॉर्म की संख्या कम होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर आवश्यकतानुसार फॉर्म नहीं दिया जा सका है़ लगभग सात हजार फॉर्म जिले को मिल पाया है़ महिला विकास निगम के डीपीएम फॉर्म की उपलब्धता को लेकर समन्वय बना रहे हैं जल्द ही समस्या हल हो जाने की उम्मीद है़
कहते हैं डीपीएम
म्हिला विकास निगम के डीपीएम डॉ धर्मेद्र भी मानते हैं कि फॉर्म की संख्या कम है, लेकिन कमी जल्द ही पूरी हो जायेगी़ शिविर के बाबत उन्होंने कहा कि 29 व 30 दिसंबर का शिविर फॉर्म नहीं रहने के कारण नहीं लग सका़ फॉर्म 31 दिसंबर को उपलब्ध हुआ़ सभी केंद्रों पर फॉर्म दिया जा चुका है़ संख्या अब भी कम है. लिहाजा शिविर लगा कर फॉर्म भरवाना मुमकिन नहीं हो रहा है, क्योंकि आपाधापी मच सकती है, लेकिन फॉर्म की कमी जल्द ही पूरी हो जायेगी़ 15 जनवरी तक फॉर्म भर लिये जायेंगे.
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