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नजराना लेने के मामले में पीड़ित ने दर्ज करायी शिकायत

अररिया : कल्याण विभाग में कार्यरत आरटीपीएस कर्मी द्वारा प्रमाण पत्र दिये जाने के एवज में लिये गये 70 रुपये की अवैध राशि लिये जाने की खबर जिले में सुर्खियों में रही. दिन भर प्रभात खबर को इसके लिए धन्यवाद मिलता रहा. लोगों का कहना था कि आरटीपीएस में इस प्रकार का मामला बराबर ही […]

अररिया : कल्याण विभाग में कार्यरत आरटीपीएस कर्मी द्वारा प्रमाण पत्र दिये जाने के एवज में लिये गये 70 रुपये की अवैध राशि लिये जाने की खबर जिले में सुर्खियों में रही. दिन भर प्रभात खबर को इसके लिए धन्यवाद मिलता रहा. लोगों का कहना था कि आरटीपीएस में इस प्रकार का मामला बराबर ही सामने आता रहता है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है.

छात्रों के पास अक्सर ही रुपये की किल्लत बनी रहती है. छोटे स्तर पर हो रही इन अनियमितताओं का शिकार खास कर छात्र व गरीब लोग होते हैं. जिनके द्वारा शिकायत करने पर भी मामला दबी रह जाती है.
जिस कारण हो रहे शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद करने का भी फायदा नहीं मिल पाता है. प्रभात खबर इस मामले को छोटा नहीं समझते हुए जिस प्रकार से सामने लाना का काम किया है वह काबिलेतारीफ है.
ज्ञात हो कि एक अप्रैल को भरगामा प्रखंड के जयनगर निवासी संपत कुमार मेहता ने जाति, निवास, क्रिमीलेयर व ओबीसी प्रमाण पत्र डीएम को प्रतिहस्ताक्षरित कर लेने के लिए अररिया कल्याण प्रशाखा के आरटीपीएस कार्यालय में पहुंचे थे. जहां एक कर्मी के द्वारा प्रमाण पत्र दिये जाने के एवज में पहले तो 100 रुपये मांगे गये.
लेकिन पीड़ित के पास महज 70 रुपये ही बचे थे. उससे उसे बस का किराया देकर वापस घर भरगामा भी लौटना था. लेकिन आरटीपीस कर्मी के द्वारा जबरन रुपये लेने के बाद ही प्रमाण पत्र दिया गया. इस मामले का उसने वीडियो बनाया था. जो कि वायरल भी हुआ. हालांकि पीड़ित छात्र ने डीएम को आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार भी लगाया था.
साक्ष्य के साथ लोक शिकायत में कराया मामला दर्ज
डीएम बैद्यनाथ यादव ने पर्याप्त साक्ष्य के साथ मामले को लोक शिकयात निवारण अधिनियम में दर्ज कराने की बात कही थी. पीड़ित छात्र संपत कुमार मेहता ने 02 अप्रैल को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम में उक्त मामले को दर्ज कराया है. कल्याण कार्यालय अररिया के आरटीपीएस कर्मी पर 70 रुपये वसूल किये जाने का आरोप लगाया है. दर्ज पंजीयन संख्या 99999102041962650 में सुनवाई व निवारण की तारिख 15 अप्रैल 2019 दी गयी है.
छात्र से जाति प्रमाण के लिए मांग रहे खतियान
नरपतगंज : प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर पर आये दिन जाति प्रमाण पत्र के अलावा अन्य प्रमाण पत्र बनाने के लिए भीड़ लगा रहता है. भीड़ बढ़ने को लेकर जहां कर्मी परेशान हैं वहीं छात्र-छात्राओं को भी नियम में बदलाव को लेकर मायूस होना पड़ रहा है.
जबकि दिन भर कतार में लगने के बाद काउंटर तक पहुंच कर उसे निराशा हाथ लगता है. जब उन्हें जाति प्रमाण पत्र में साक्ष्य खतियान आदि लगाने की मांग करते हैं तो छात्र-छात्राएं निराश को लेकर वापस लौट जाते हैं व कागजात की खोज में भटकते रहते हैं.
मालूम हो कि विद्यालय में नामांकन को लेकर छात्र-छात्रा जाति निवास आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए आरटीपीएस काउंटर पर पहुंच रहे हैं. मामले को लेकर अंचल पदाधिकारी निशांत कुमार ने साफ कर दिया गया एक बार का निर्गत जाति लगभग 10 वर्षों तक मान्य है.
उसी जाति प्रमाण पत्र पर हर विद्यालय नामांकन को लेना है. अगर विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रमाण पत्र लेने में मनाही करते हैं तो इसकी शिकायत करें ऐसे जिस छात्राओं का जाति निर्गत नहीं है. वह अपना आवेदन के साथ पूर्व बना अपना माता व पिता का जाति प्रमाण पत्र का छायाप्रति लगा सकते हैं. उसके आधार पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया.
एपीपी ने की सजा ए मौत देने की अपील, मिली उम्र कैद, जुर्माना लगाया 50 हजार
अररिया : स्थानीय व्यवहार न्यायालय के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिधर विश्वकर्मा ने दहेज प्रताड़ना के दौरान मारपीट के बाद मौत होने जाने के मामले में जोकीहाट गावं के अरतिया गांव के रहने वाले आरोपी पति 65 वर्षीय मोजिबुर्रहमान को उम्रकैद की सजा सुनायी है.
आरोपी पति को उम्र कैद की सजा के अलावा 50 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. जिसमें 20 प्रतिशत की राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के फंड व शेष बचे 80 प्रतिशत की राशि सूचक के पास जमा करने का आदेश दिया गया. राशि जमा नही होने पर आरोपी के भू-राजस्व से यह राशि वसुल करने का आदेश न्यायाधीश श्री विश्वकर्मा ने दिया है.
स्पीडी ट्रायल चलाकर न्यायाधीश ने सुनायी सजा
दहेज प्रताड़ना का लेकर 18 नवंबर 2003 को करीब 3 बजे जोकीहाट के अरतिया गांव में आरोपी मोजिबुर्रहमान ने अपनी पत्नी बीबी अरसिदा खातून को लाठी डंडा व रड से बुरी तरह मारपीट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया था.
जिसमें बीबी अरसिदा खातून को अंदरूनी चोटें आई व सिर में चोट लगने से उसका माथा फट गया था. 19 नवंबर को जब इस घटना की जानकारी उसके भाई अब्दुल रकीब को मिली तो वह अपने ग्रामीणों के साथ काकन से अरतिया आये, जहां ग्रामीणों के सामने अपनी बहन को घर में बंद पाया.
दरवाजा खोलने पर देखा कि बीबी अरसिदा खातून जख्मी हालत में पड़ी है. महिला एपीपी प्रभा कुमारी देवी ने बताया कि इलाज के क्रम में 21 नवंबर को बीवी अरसिदा खातून की मौत हो गई. मौत के बाद मृतिका के भाई अब्दुल रकीब ने जोकीहाट थाना में कांड संख्या 122/2003 दर्ज कराया.
कोर्ट में गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. गवाहों के ब्यान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायाधीश श्री विश्वकर्मा ने आरोपी को धारा 302 भादवि में दोषी पाया. सजा के बिंदु पर महिला एपीपी प्रभा कुमारी देवी ने आरोपी को सजाए मौत देने की पुरजोर अपील की. वही बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता अशोक कुमार वर्मा ने कम से कम सजा देने की गुहार लगाया. न्यायाधीश ने यह सजा स्पीडी ट्रायल के तहत मुकदमा संख्या एसटी 29/2016 में सुनाया है.

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