मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : शहर में 02 नये जल मीनार बने, 18 वार्डों में पाइपें भी बिछी, लेकिन दुर्भाग्य कि एक भी शहरवासी को शुद्ध पेयजल का आपूर्ति नहीं हो पाया. इस योजना पर नगर परिषद ने लगभग 25 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर दी. लेकिन शहर में ऐसा एक व्यक्ति यह कहने को तैयार नहीं है कि उसके गले शुद्ध जल की एक बूंद भी उतरी है.
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24.59 करोड़ खर्च करने के बाद भी सिर्फ 2935 परिवारों को मिला शुद्ध पेयजल
मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : शहर में 02 नये जल मीनार बने, 18 वार्डों में पाइपें भी बिछी, लेकिन दुर्भाग्य कि एक भी शहरवासी को शुद्ध पेयजल का आपूर्ति नहीं हो पाया. इस योजना पर नगर परिषद ने लगभग 25 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर दी. लेकिन शहर में ऐसा एक व्यक्ति यह […]
शुद्ध जलापूर्ति का यह काम वर्ष 2015 में ही शुरू हुआ. इस काम का जिम्मा नगर विकास विभाग ने बिहार जल पार्षद को दिया. बीआरजेपी ने इस कार्य को जेपी कंस्ट्रेक्शन को दिया. जिसने तीन वर्षों में अनियमितता के लाख आरोप लगने के बावजूद जैसे-तैसे काम किया.
उसके जल मिनार के निर्माण पर आरोप लगे, पाइप बिछाने के गहराई से लेकर हरेक बिंदुओं पर आरोप लगे. तत्कालीन डीएम हिमांशु शर्मा के निर्देश पर जांच हुई. गुणवत्ताविहीन कार्य को पुष्टि हुई.
यही नहीं तमाम आरोपों के बावजूद नप के साढ़े 24 करोड़ से अधिक की राशि बीआरजेपी को ट्रांसफर भी कर दिया. लेकिन दुर्भाग्य है कि इसका फायदा शहरवासियों को नहीं मिल पाया. यहीं नहीं बीच में चर्चा यह भी हुई कि जलापूर्ति के लिए बचे हुए 11 वार्डों में कार्य को अब उमंग इंस्फ्राट्रेक्चर पूरा करेगा.
बीआरजेपी के कार्य का लक्ष्य: पहले 10600, बाद में 5200
बीआरजेपी को समय-समय पर लक्ष्य दिया जाता रहा. उन्हें पहली बार 10600 परिवारों को पेयजल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य मिला. बाद में उसे घटाकर 5200 परिवार किया गया. लेकिन बीआरजेपी के कार्यकारी एजेंसी ने 2935 परिवार को ही पेयजल कनेक्शन पहुंचाया. बावजूद अब वह अपना काम बंद कर चुका है, जबकि वह लगभग कार्य पूरा करने का दावा भी कर रहा है.
जबकि यह हकीकत में ऐसा है नहीं. उसे जितना लक्ष्य दिया गया था, उसके अनुपात में अभी भी कार्य बांकी है. बीआरजेपी के कार्यकारी एजेंसी व उनके कनीय अभियंता धनंजय कुमार द्वारा नगर विकास विभाग को एक रिपोर्ट 13 सितंबर 2018 को सौंपी गयी थी. उसके अनुसार कुल 18 वार्डों में उन्होंने काम किया. उन्होंने वार्ड संख्या 01 से लेकर 10 तक आधा-अधूरा कार्य किया, यही सिलसिला वार्ड संख्या 14 से लकर 22 तक वार्डों में भी कायम रखा. उन्हें इन वार्डों में 43.200 मीटर पाइप बिछाने थे.
लेकिन उसने 39.063 मीटर ही पाइप बिछाये. उन्हें पहले 10600 परिवारों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था. लेकिन बाद में उनके टाररगेट में कटौती करते हुए 5200 कनेक्शन किया गया. इसमें से भी तत्कालीन डीएम हिमांशु शर्मा के बार-बार फटकार के बाद 2935 परिवारों तक ही वाटर कनेक्शन पहुंच पाया है. लक्ष्य पूरा नहीं करने के बावजूद भी वह नप अररिया से साढ़े 24 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उठाव कर चुका है.
तीन में निविदा पूरी, 08 वार्डों में चुनाव के बाद शुरू होंगे कार्य
इधर अब बचे हुए वार्डों में नगर परिषद निविदा के जरिये जलापूर्ति का काम करेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड संख्या 07, 08 व 12 में निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इसके लिए लगभग 1.22 व 1.42 करोड़ मिलाकर लगभग 2.64 करोड़ का प्राक्कलन तय किया गया है. वहीं वार्ड संख्या 23 व 25 में पुर्निविदा की प्रक्रिया भी तीन बार हो चुका है.
लेकिन अब तक निविदा की प्रक्रिया फाइनल नहीं हो पायी है. जबकि 11, 24, 26, 27, 28 व 29 में जमीन संबंधी विवाद के कारण निविदा की प्रक्रिया रुकी हुई थी. बताया गया कि प्राक्कलन तैयार करने का फंडा भी कुछ इस प्रकार है कि 250 हाउस होल्ड के लिए 23-24 लाख रुपये, 500 हाउस होल्ड के लिए 42-43 लाख रुपये व 1000 हाउस होल्ड के लिए लगभग 01 करोड़ तक का प्राक्कलन तय किया जाता है.
एजेंसी के विरुद्ध राशि वापसी का भी लिया गया है प्रस्ताव
इधर इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्य पार्षद रितेश कुमार राय ने कहा बीआरजेपी के विरुद्ध राशि वापसी का प्रस्ताव भी लिया गया है. उसके कार्य की गुणवत्ता में सर्वप्रथम प्रश्न उठाने वाले भी वे ही थे.
कहा कि उनके विरुद्ध कार्रवाई को लेकर पुन: एक बार बोर्ड की बैठक बुलायी जायेगी. जो कि अब चुनाव के बाद ही संभव है. साथ ही उन्होंने बताया कि शेष बचे कार्यों को नगर परिषद पूरा करायेगी. इसके लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. चुनाव के बाद इसे अमल में लाया जायेगा.
तीन में निविदा पूरी, 08 वार्डों में चुनाव के बाद शुरू होंगे कार्य
इधर अब बचे हुए वार्डों में नगर परिषद निविदा के जरिये जलापूर्ति का काम करेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड संख्या 07, 08 व 12 में निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इसके लिए लगभग 1.22 व 1.42 करोड़ मिलाकर लगभग 2.64 करोड़ का प्राक्कलन तय किया गया है. वहीं वार्ड संख्या 23 व 25 में पुर्निविदा की प्रक्रिया भी तीन बार हो चुका है.
लेकिन अब तक निविदा की प्रक्रिया फाइनल नहीं हो पायी है. जबकि 11, 24, 26, 27, 28 व 29 में जमीन संबंधी विवाद के कारण निविदा की प्रक्रिया रुकी हुई थी. बताया गया कि प्राक्कलन तैयार करने का फंडा भी कुछ इस प्रकार है कि 250 हाउस होल्ड के लिए 23-24 लाख रुपये, 500 हाउस होल्ड के लिए 42-43 लाख रुपये व 1000 हाउस होल्ड के लिए लगभग 01 करोड़ तक का प्राक्कलन तय किया जाता है.
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