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नये न्यायिक आवासीय परिसर में डकैती का प्रयास, एक अपराधी हुआ गिरफ्तार

अररिया : गुरुवार की देर शाम नये न्यायिक आवासीय परिसर में उस समय भारी हंगामा मच गया जब एक अपराधी आवासीय परिसर के पीछे के खिड़की पर के छज्जे ऊपर दिखा. शोर शराबा होने पर न केवल नगर थाना पुलिस बल्कि जिलाधिकारी ,पुलिस अधीक्षक ,एसडीपीओ, डीएसपी सहित दर्जनों पुलिस जवान व पदाधिकारी पहुंच गये. बड़े […]

अररिया : गुरुवार की देर शाम नये न्यायिक आवासीय परिसर में उस समय भारी हंगामा मच गया जब एक अपराधी आवासीय परिसर के पीछे के खिड़की पर के छज्जे ऊपर दिखा. शोर शराबा होने पर न केवल नगर थाना पुलिस बल्कि जिलाधिकारी ,पुलिस अधीक्षक ,एसडीपीओ, डीएसपी सहित दर्जनों पुलिस जवान व पदाधिकारी पहुंच गये.
बड़े ही मशक्कत के बाद गिरफ्तार अपराधी को छज्जे से उतारा गया. आक्रोशित लोगों ने उसकी भरपूर पिटाई कर दी. गिरफ्तार अपराधी मुजम्मिल पिता ताजुद्दीन मुड़बल्ला वार्ड संख्या तीन का रहनेवाला है.
मामले को लेकर व्यवहार न्यायालय के प्रोटोकोल ऑफिसर श्याम बिहारी सिंह के आवेदन पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. नगर थाना कांड संख्या 153/19 में सूचक ने कहा है की गुरुवार की देर संध्या रात्रि प्रहरी विजय कुमार प्रियदर्शी ने सूचना दिया कि नये न्यायिक आवासीय परिसर ब्लॉक जी के प्रथम तल के खिड़की से सटे छज्जे पर एक व्यक्ति चढ़ा हुआ है.
जिसे पड़ोस में रहने वाले स्थानीय लोगों के द्वारा देखा गया और शोर मचाया गया. शोर सुनकर न्यायिक पदाधिकारी गण रजनीश कुमार श्रीवास्तव, शशिधर विश्वकर्मा, संजय कुमार, कुमार अमित मनु, सतीश कुमार झा, देवराज, अभिषेक कुमार दास अपने अपने घरों से बाहर निकल कर वहां पहुंचे. इसके अलावा न्यायिक कर्मी भी जुट गए. पुलिस प्रशासन को फोन किया गया और पुलिस प्रशासन की मदद से उस व्यक्ति को खिड़की के छज्जे से नीचे उतारा गया.
नाम व पता पूछने पर वह बताया कि हत्या करने, कीमती सामान चुराने व दहशत फैलाने की इरादे से आया था. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि घटनास्थल से भागे गए अपराधी का चप्पल बरामद है. गिरफ्तार अपराधी ने अपना नाम मुजम्मिल बताया. पूछताछ में अपराधी ने बताया कि वह बारिश मुखिया के कहने पर न्यायिक पदाधिकारी के हत्या करने आया था.
सूचक श्याम बिहारी सिंह ने दावा किया है कि किसी साजिश के तहत छह व्यक्तियों के साथ न्यायिक पदाधिकारी की हत्या करने, लूटपाट व न्यायिक पदाधिकारियों के परिवारों में दहशत फैलाने के लिए यह कार्य किया गया है. ताकि न्यायिक पदाधिकारी स्वतंत्र तरीके से न्यायिक कार्य नहीं कर सके. आवेदन के आलोक में नगर थानाध्यक्ष अतुलेश कुमार सिंह ने कांड दर्ज कर लिया है.
गिरफ्तार अपराधी को न्यायालय के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. बहरहाल मामला चाहे जो हो पुलिस अनुसंधान में सामने आ ही जायेगा. लेकिन इस घटना की चर्चा शुक्रवार को दिन भर होती रही कि आखिर मुखिया वारिस का नाम गिरफ्तार अपराधी ने क्यों लिया. इस रहस्य से पर्दा उठाने की चुनोती अनुसंधानकर्ता के सामने है.

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