अररिया : बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता राशि देने के लिए राशन कार्ड या एसइसीसी सूची आधार नहीं होगा. बल्कि सर्वेक्षण के जरिया प्रभावित परिवारों को तैयार सूची के अनुसार सहायता राशि खातों में भेजी जायेगी. सर्वेक्षण में सरकारी कर्मियों को लगा दिया गया है. घर-घर जा कर बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची तैयार करनी है. सूची का अनुमोदन पंचायत अनुश्रवण समिति द्वारा भी किया जाना है. ऐसी जानकारी प्रभारी मंत्री की बैठक के बाद आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में डीएम ने दी.
अपने कार्यालय कक्ष में मीडिया कर्मियों से रू-ब-रू होते हुए डीएम हिमांशु शर्मा ने कहा कि छह हजार की सहायता राशि के आधार को लेकर तरह-तरह के भ्रम फैल रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि फुड पैकेट वितरण के लिए एसइसीसी सूची को आधार बनाना जरूरी था, पर सहायता राशि के लिए वो आधार नहीं होगा. बाढ़ प्रभावितों को सहायता राशि देने के लिए एसइसीसी सूची में नाम दर्ज होने की अनिवार्यता नहीं है. न ही आधार कार्ड अनिवार्य शर्त है. सर्वेक्षण के बाद पंचायत अनुश्रवण समिति से अनुमोदित सूची में जितने परिवारों का नाम दर्ज होगा,
उनके खातों में सहायता राशि भेजी जायेगी. उन्होंने बताया कि आवंटन की दिक्कत भी समाप्त हो गयी है. सहायता राशि मद में जिले को 206 करोड़ का आवंटन मिल चुका है, जबकि खाद्यान्न के लिए आठ करोड़ व मृतकों के परिजनों को मुआवजा मद में दो करोड़ का आवंटन भी प्राप्त हो गया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में वार्ड वार सर्वेक्षण का काम एक सप्ताह में पूरा हो जायेगा. उसके बाद अनुमोदित सूची के अनुसार राशि भेजने का सिलसिला शुरू हो जायेगा.इसी क्रम में उन्होंने स्पष्ट किया कि सूची निर्माण में राशि उगाही के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बिचौलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जायेगा. डीएम ने बताया कि जिले में अब पॉलीथीन की कमी नहीं है. स्टॉक में 10 हजार के करीब पॉलीथीन हैं. सड़कों की मरम्मत का काम चल रहा है. 15 सितंबर तक आरडब्लूडी व आरसीडी की सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कर दी जायेगी. इस अवसर पर जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शंभु कुमार, वरीय उप समाहर्ता संजय कुमार व एडीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार भी उपस्थित थे.