-चार पुरुष सहित दो महिला को बनाया गया आरोपी
-पकड़ी गयी महिला व युवतियों को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया अररिया
फारबिसगंजः डीजीपी बिहार अभयानंद के निर्देश पर सीआइडी कमजोर वर्ग एसपी किम शर्मा के नेतृत्व में गुरुवार की संध्या रामपुर उत्तर पंचायत में अवस्थित रेड लाइट एरिया में की गयी छापेमारी में पकड़े गये दलालों व सेक्स वर्कर महिला व युवतियों का शुक्रवार को एंटी ट्रैफिकिंग कमेटी की कानूनी सलाहकार रीता घोष के द्वारा काउंसेलिंग की गयी. इस मौके पर प्रोजेक्ट के जिला समन्वयक साकेत श्रीवास्तव, कटिहार के समन्वयक फारूख आलम, पूर्णिया के समन्वयक विक्रम कुमार, थानाध्यक्ष विपिन कुमार भी उपस्थित थे. इस मामले में स्थानीय थाना में एक प्राथमिकी दर्ज किया गया है, जिसमें चार पुरुष क्रमश: मो मुसलिम, रविनाथ लाल, मो जाबिर, नजमुल उर्फ कारी को व दो महिला रीना खातून, मीना खातून को आरोपी बनाया गया. पकड़े गये सभी सेक्स वर्कर महिला व युवतियों को मेडिकल जांच के लिए अररिया सदर अस्पताल भेजा गया. थानाध्यक्ष ने बताया कि दस सेक्स वर्कर, दो आरोपी महिला, चार आरोपी दलाल सहित कुल कुल 16 को माननीय सीजीएम न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा. न्यायालय के निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई होगी कि दस सेक्स वर्कर को कहां भेजा जाये. सनद रहे कि गुरुवार की रात को हुई छापामारी में रेस्क्यू की गयी दस सेक्स वर्कर महिला युवतियों में तीन ऐसी युवतियां है जो वर्ष 2012 में भी तत्कालीन एसपी शिवदीप लांडे द्वारा की गयी छापेमारी में भी रेस्क्यू की गयी थी. विदित हो कि यह पहला रेस्क्यू नहीं है. इससे पूर्व भी 11 फरवरी 12 की रात जिलाधिकारी के पत्रंक 308/सी दिनांक 10 फरवरी 12 के निर्देश के आलोक में तत्कालीन एसपी शिवदीप लांडे के नेतृत्व में छापेमारी की गयी थी. रेड लाइट एरिया में जिसमें 25 लड़कियों को मुक्त कराया गया था व उसमें से सात को उसके अभिभावक को सौंपा गया था. 18 पीड़िता को आश्रम गृह में रखा गया था. इस संदर्भ में भादवि की विभिन्न धाराओं में फारबिसगंज थाना में कांड संख्या 63/12 दर्ज किया गया था. वर्ष 2012 के बाद स्थानीय रेड लाइट एरिया में यह दूसरा बड़ा रेस्क्यू है.