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मरीजों का इंजेक्शन पहुंच रहा बाहर की दुकानों पर
पीएमसीएच. दवाइयों की जांच को 37 वार्डों में चलेगा इंस्पेक्शन पटना : पीएमसीएच में मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध होने वाले सरकारी इंजेक्शन को स्टॉक में रख कर उसे बाहर के दुकानों पर बेचा जा रहा है. मरीजों को डॉक्टर बाहर से इंजेक्शन खरीद कर मंगा रहे हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब औषधि […]
पीएमसीएच. दवाइयों की जांच को 37 वार्डों में चलेगा इंस्पेक्शन
पटना : पीएमसीएच में मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध होने वाले सरकारी इंजेक्शन को स्टॉक में रख कर उसे बाहर के दुकानों पर बेचा जा रहा है. मरीजों को डॉक्टर बाहर से इंजेक्शन खरीद कर मंगा रहे हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब औषधि विभाग की टीम गुरुवार को पीएमसीएच के टाटा वार्ड में छापेमारी करने पहुंची. छापेमारी में पाया गया कि मेरोपेनम 1 ग्राम हायर एंटीबायोटिक दवा का स्टॉक लेजर रजिस्टर में 173 वायल अधिक मिला.
विभाग की मानें तो 173 इंजेक्शन मरीजों लग जाना चाहिए था, लेकिन इसे स्टॉक में रख कर बाहर के दुकानों से मरीजों से इंजेक्शन खरीदवा कर लगाया गया है. यानी ये सभी रखे गये इंजेक्शन को बेचे जाने का शक औषधि विभाग ने जताया है.
छापेमारी में मिल चुका है इंजेक्शन : औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टरों का कहना है कि मेरोपेएम का यही इंजेक्शन कुछ दिन पहले कंकड़बाग स्थित कुछ दवा एजेंसी में मिली थी. इसकी पड़ताल करने ड्रग विभाग पीएमसीएच पहुंची है. लेजर रजिस्टर को देख विभाग ने खुलासा किया है कि प्राइवेट दुकानों पर यहां का इंजेक्शन सप्लाइ किया जा रहा है.
इंजेक्शन की कीमत बाजार में करीब दो हजार रुपये है. बड़े से बड़े ऑपरेशन में इसका इस्तेमाल किया जाता है. महंगा होने के कारण इसकी डिमांड बढ़ जाती है. इंस्पेक्टर का कहना है कि एक कंपनी के मेरोपेनम एंटीबायोटिक नामक इंजेक्शन बाहर की दुकानों पर कैसे मिल रहा जबकि इसकी सरकारी स्तर पर ही सप्लाइ होती है. यही वजह है कि इस इंजेक्शन की सप्लाइ होने की आशंका बढ़ गयी है.
37 वार्डों में हो जांच तभी होगा खुलासा
पीएमसीएच के कुल 37 वार्डों में मेरोपेनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन की सप्लाइ की गयी है. दो दिन के अंदर इन सभी वार्डाें में छानबीन
की जायेगी. साथ ही पीएमसीएच के अधीक्षक से इंजेक्शन का स्टॉक, कितने मरीजों का इंजेक्शन लगा है, किस वार्ड में कितनी सप्लाइ हुई आदि सभी तरह के कागजात मांगे गये हैं. इसी आधार पर जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी. ड्रग इस्पेक्टर सच्चिदानंद विक्रांत ने कहा कि कागजात मुहैया कराने के दो दिन के अंदर मामले का पूरा खुलासा हो जायेगा. इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
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