पटना: पटना हाइकोर्ट ने वर्ष 1999 से लटके फार्मासिस्टों की नियुक्ति को अपनी हरी झंडी दे दी है. शुक्रवार को न्यायाधीश मिहिर कुमार झा ने मामले की सुनवाई करते हुए फार्मासिस्टों की नियुक्ति केवल साक्षात्कार के आधार पर किये जाने को गलत तो ठहराया लेकिन इस नियुक्ति के मामले में इसे आधार बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द करने से इनकार दिया.
वर्ष 1999 में विज्ञापित कुल 1059 पदों के लिए वर्ष 2001 में साक्षात्कार का आयोजन किया था. तबतक बिहार का बंटवारा हो चुका था.हालांकि जिन अभ्यर्थियों का नियुक्ति के लिए चयन किया गया है उनमें अधिकतर अभ्यर्थी अगले पांच से दस साल में रिटायर कर जायेंगे.
ऐसे में हाइकोर्ट ने कहा कि वह इस नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने के पक्ष में नहीं है लेकिन अगली बार नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन होना चाहिए. हाइकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई छह माह पूर्व ही पूरी कर ली थी और तब से फैसला सुरक्षित था. इस नियुक्ति में बिहार के लिए कुल 771 पद तथा शेष पद झारखंड के लिए थे. बिहार में कुल 468 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के आधार पर सफल घोषित किया गया है.