पटना: जदयू से निष्कासित राज्यसभा सांसद शिवानंद तिवारी ने भाजपा में आने के सरयू राय के न्योते को ठुकरा दिया है. उन्होंने श्री राय से कहा कि मेरा जमीर इसके लिए इजाजत नहीं दे रहा है.
शिवानंद ने शनिवार को बयान जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना कहा कि सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्षता के एक तथाकथित योद्धा ने अपनी जमात से मुङो बाहर निकाल दिया.
दूसरे योद्धा लालू प्रसाद का दरवाजा मैंने सार्वजनिक रूप से खटखटाया, लेकिन उन्होंने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया. शिवानंद ने कहा कि अभी तक अपनी भूमिका के बारे में मैंने कुछ तय नहीं किया है. लेकिन, जब तक दम है, चुप बैठ कर तमाशा देखना मेरे स्वभाव में नहीं है. शिवानंद ने कहा कि नीतीश द्वारा निकाले जाने के बाद मेरे सामने लालू के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. फोन पर मैंने उनसे कहा था कि मुङो आरा या बेतिया से चुनाव लड़ाएं. लेकिन, नतीजा सामने है.
इन दोनों के लिए मैं अछूत हो गया हूं. उन्होंने कहा कि सरयू राय का मैं बहुत आभारी हूं. चार दिन पहले दिल्ली से उन्होंने मुङो फोन किया. वे जानना चाह रहे थे कि भाजपा से चुनाव लड़ने की क्या आधा पैसा भी मेरे मन में इच्छा है. अपने दोनों प्राचीन सहयोगियों द्वारा ठुकराये जाने के बाद परिवार और शुभचिंतकों का मेरे ऊपर चुनाव लड़ने का बहुत दबाव है. बक्सर सीट पर भाजपा ने अपना उम्मीदवार भी घोषित नहीं किया है. राय जी, पुराने मित्र हैं. उनका आभार मानते हुए मैंने उनसे क्षमा मांग ली.