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बिहार परचा लीक आयोग : परमेश्वर बंधक रख लेता था जमीन के पेपर
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि आयोग का पूर्व सचिव परमेश्वर राम पूरी प्लानिंग के साथ सेटिंग कराता था. इसके लिए उन्होंने दलाल पाल रखे थे, जो कैडिंडेट खोज कर लाते थे. इसमें कुछ कोचिंग सेंटर के संचालक थे, जो डाटा इंट्री आपरेट […]
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि आयोग का पूर्व सचिव परमेश्वर राम पूरी प्लानिंग के साथ सेटिंग कराता था. इसके लिए उन्होंने दलाल पाल रखे थे, जो कैडिंडेट खोज कर लाते थे. इसमें कुछ कोचिंग सेंटर के संचालक थे, जो डाटा इंट्री आपरेट के माध्यम से परमेश्वर राम से जुड़े थे. परीक्षा से पहले सौदा तय होता था.
करीब पांच से छह लाख रुपये का सौदा तय हाेता था, जिसमें तीन हिस्सा परमेश्वर राम लेता था, बाकी दलालों के जेब में जाती थी. लाभ लेने के बाद कैंडिडेट पूरा पैसा दिये कहीं भाग न जाएं, इसलिए उनके जमीन का पेपर और सर्टिफिकेट रखवा लिये जाते थे. जमीन के रजिस्ट्री पेपर को एसआइटी अब आर्थिक अपराध शाखा को भेजने वाली है. आगे इस पर जांच होगी और संबंधित लोगों से पूछताछ हो सकती है. जिनके नाम से जमीन के पेपर हैं, अगर उनके परिवार का कोई सदस्य परीक्षा में बैठा है ता यह जांच ओगी बढ़ेगी.
50 से एक लाख एडवांस लेकर रखता था बंधक : बीएसएससी परीक्षा में सेटिंग से शामिल होने वाले परीक्षार्थियों से परमेश्वर के दलाल एडवांस के रूप में कुछ पैसे लेते थे. यह रकम 50 हजार से लेकर एक लाख तक की हाेती थी. बाकी रकम परीक्षा पास करने के बाद वसूली जाती थी.
लाभ लेने के बाद कैंडिडेट भागे नहीं, इसलिए उनके जमीन का पेपर बंधक रखवा लेते थे. कुछ छात्रों के तो सर्टिफिकेट ही रखवा लिये जाते थे. इसका सुराग एसआइटी को तब मिला था, जब एसआइटी ने उनके आवास पर छापेमारी की थी. करीब दो घंटे तक चले छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों को खंगाला गया था. इसमें बिहार शरीफ, जहानाबाद, बेगूसराय, आरा, बक्सर समेत अन्य जिलों के लोगों के नाम के जमीन के रजिस्ट्री पेपर मिले थे. इस तरह के बरामद किये गये कागजात की संख्या करीब तीन दर्जन बतायी जा रही है.
चल रही है छानबीन, जिनके सर्टिफिकेट मिले उन छात्रों से हो चुकी है पूछताछ
एसआइटी ने परमेश्वर राम के घर से मिले सर्टिफिकेट के अाधार पर संबंधित करीब एक दर्जन छात्रों से पूछताछ की था. इसमें पता चला कि डाटा इंट्री आॅपरेटर के माध्यम से छात्रों की सेटिंग हुई थी. उन्होंने कुछ पैसे एडवांस दिये थे. बाकी भुगतान परीक्षा में पास करने के बाद करना था. कुल छह लाख देने थे, जिसमें अधिकतम एडवांस एक लाख तक रुपया दिया गया था. जानकारी के बाद एसआइटी ने परमेश्वर राम को रिमांड पर लिया था. फिर उनसे पूछताछ की थी. सेटिंग और बंधक के मामले में परमेश्वर राम ने सबकुछ कुबूल कर लिया है.
आनंद बरार और आइएएस सीके अनिल की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में दो दिनों से चल रही दबिश के दौरान आनंद बरार तो गिरफ्त में आ गया, लेकिन सीके अनिल अब तक नहीं पकड़े गये हैं. दिल्ली गयी एसआइटी की एक टीम पटना लौट आयी है, जबकि दूसरी टीम बेंगलुरु के लिए रवाना हो गयी है. सूत्रों की मानें, तो सीके अनिल का लोकेशन बेंगलुरु में मिला है. उनकी तलाश जारी है. बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी कुछ अहम सवाल उनसे करनेवाली है. हालांकि जिस तरह से अब उनकी तलाश शुरू हुई है, उससे साफ है कि सीके अनिल जल्द एसआइटी के हत्थे चढ़ सकते हैं.
25 मार्च को निगरानी की विशेष अदालत में आइएएस सुधीर कुमार समेत कुल पांच आवेदनों पर जमानत के लिए कोर्ट सुनवाई करेगा. आरोप के सापेक्ष प्रमाण कम न हों, इसके लिए एसआइटी का होमवर्क जारी है. क्योंकि अगर साक्ष्य कमजोर पड़े, तो इसका लाभ सुधीर कुमार समेत अन्य को मिल सकता है. एसआइटी की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं. हालांकि जिस तरह एसआइटी ने केस डायरी के साथ आरोपियों के सिफारिशों की फेहरिस्त कोर्ट को सौंपी है, साफ है जांच में दबाव काम नहीं आया है.
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