इसके बाद दिन भरजेल के जनरल वार्ड में रखने के बाद चार बजे शाम में बेऊर जेल से भारी सुरक्षा में शहाबुद्दीन को निकाला गया और सड़क मार्ग से राजेंद्र नगर टर्मिनल लाया गया. वहां संपूर्ण क्रांति से स्लीपर बाॅगी एस टू से दिल्ली रवाना कर दिया गया. इस दौरान उनके साथ सुरक्षा को लेकर एक एएसपी स्तर के अधिकारी व दो दर्जन पुलिस बल के जवान भी साथ में गये. इसके पूर्व सीवान से बेऊर जेल में पहुंचने की खबर मिलने के बाद समर्थकों की भीड़ जमा होने लगी थी. लेकिन पूरे बेऊर जेल इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था और किसी को भी जेल गेट तक फटकने भी नहीं दिया गया.
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संपूर्ण क्रांति की स्लीपर बॉगी से दिल्ली रवाना, कड़ी सुरक्षा में बेऊर से तिहाड़ जेल भेजा गया शहाबुद्दीन को
पटना : राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पटना बेऊर जेल से शनिवार की शाम 5.55 बजे दिल्ली के तिहाड़ जेल के लिए भेज दिया गया. इसके पूर्व सीवान जेल से उन्हें शुक्रवार की देर रात 2.43 बजे कड़ी सुरक्षा में बाहर निकाला गया और सड़क मार्ग से पटना […]
पटना : राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पटना बेऊर जेल से शनिवार की शाम 5.55 बजे दिल्ली के तिहाड़ जेल के लिए भेज दिया गया. इसके पूर्व सीवान जेल से उन्हें शुक्रवार की देर रात 2.43 बजे कड़ी सुरक्षा में बाहर निकाला गया और सड़क मार्ग से पटना के बेऊर जेल 6.40 बजे सुबह लाया गया.
कैदी वाहन में सुरक्षाकर्मियों के साथ ले जाये गये शहाबुद्दीन
शनिवार की शाम चार बजे जेल का गेट अचानक खुला और काफी संख्या में पुलिस बल की सुरक्षा में शहाबुद्दीन को कैदी वैन में बैठा कर राजेंद्र नगर टर्मिनल ले जाया गया. उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस से खचाखच भरे एक वैन आगे और एक वैन पीछे चल रहा था और शहाबुद्दीन के कैदी वैन के साथ एसटीएफ की टीम भी चल रही थी. उनके जाने की सूचना मिलने पर कुछ समर्थक बेऊर मोड़ से आगे बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस टीम पहले से मुस्तैद थी और उन सभी को वहीं रोक दिया गया. इसके बाद शहाबुद्दीन को अनिसाबाद, चितकोहरा पुल, विधानसभा रोड , आर ब्लॉक चौराहा, मीठापुर आरओबी, चिरैयाटांड़ पुल, ओल्ड बाइपास होते हुए राजेंद्र नगर टर्मिनल ले जाया गया. इस दौरान पटना जिला पुलिस बल के साथ ही जीआरपी की टीम भी मुस्तैद थी और उनके बोगी की ओर किसी को भी नहीं जाने दिया गया. इधर, शहाबुद्दीन के पटना पहुंचने के बाद चिकित्सकों की चार सदस्यीय टीम ने उनकी स्वास्थ्य जांच की और फिट पाते हुए तिहाड़ जेल भेजने की अनुमति दे दी. इसके साथ सड़क मार्ग से जाने के क्रम में हर थाना क्षेत्र की पुलिस भी मुस्तैद थी और अपने-अपने थाना क्षेत्र से बाहर छोड़ रही थी और फिर उस इलाके की थाना पुलिस टीम शहाबुद्दीन की सुरक्षा के काफिले में शामिल हो जा रही थी.
टाटा सूमो में बैठा कर सीवान से लाया गया था पटना
शहाबुद्दीन को गुपचुप तरीके से टाटा सूमो में बैठाकर सीवान से पटना लाया गया था. इस दौरान एसटीएफ व बिहार पुलिस की टीम आगे-पीछे घेराबंदी कर चल रही थी. लेकिन सीवान में समर्थकों की भीड़ जमा हो गयी और जैसे ही शहाबुद्दीन बाहर निकला, वैसे ही नारेबाजी होने लगी. इस दौरान एसटीएफ की टीम ने शहाबुद्दीन के समर्थकों को हटाया. इसके बाद छपरा, सोनपुर होते हुए पटना के बेऊर जेल लाया गया.
बेऊर मोड़ से लेकर जेल तक नाकेबंदी
शहाबुद्दीन को सीवान से पटना के बेऊर जेल लाये जाने के पहले ही सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिये गये थे. बेउर मोड़ के पास नाकेबंदी कर हर आने-जाने वाले लोगों और वाहनों को कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरने के बाद ही आने-जाने की इजाजत मिल रही थी. जेल गेट के बाहर भी काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. सुबह पांच बजे से ही बेऊर मोड़ से लेकर जेल गेट तक सुरक्षा के लिए जवानों को मुस्तैद कर दिया गया था.
शहाबुद्दीन को तिहाड़ भेजने की पूरी कहानी. 37 पुलिसकर्मियों के साथ किया गया रवाना
पटना : शहाबुद्दीन को तिहाड़ भेजने के पहले कारा विभाग ने ऐसी गोपनीयता बरती कि अच्छे अच्छों को पता नहीं चल पाया कि वे कैसे सुरक्षित और बिना किसी विशेष सुविधा के भेजे गये? यह कहानी शुक्रवारको शुरू हो गयी थी. शुक्रवा की रात नौ बजे सीवान के डीएम को उनके प्राइवेट मेल पर कारा विभाग की आेर से शहाबुद्दीन को बेऊर लाने के लिए आदेश भेजा गया. यह इस कारण से किया गया ताकि डीएम आॅफिस के किसी कर्मचारी को भी इसकी जानकारी नहीं मिल सके. यह गोपनीयता पटना के बेऊर जेल लाने से लेकर यहां से राजेंद्र नगर टर्मिनल भेजने तक बरती गयी. पटना के डीएम और एसएसपी के अलावा किसी को भी कोई जानकारी नहीं दी गयी. शहाबुद्दीन के लिए संपूर्ण क्रांति में टिकट भी जेनरल कटवाया गया, यही नहीं दस ज्यादा रिजर्वेशन टिकट कटवाया गया ताकि पुलिस फोर्स ज्यादा भेजने की आवश्यकता पड़े तो परेशानी नहीं हो. जेनरल टिकट इस वजह से ताकि किसी को भी रिजर्वेशन लिस्ट से नहीं पता चल सके कि अमुक ट्रेन से शहाबुद्दीन भेजे जा रहे हैं. कारा विभाग के आइजी आनंद किशोर के निर्देश में तिहाड़ भेजने की प्रक्रिया इस तरह अंजाम दी गयी ताकि कहीं भी लोगों को पता नहीं चल सके. भीड़ जमा नहीं हो और हंगामे की संभावना नहीं रहे. 37 पुलिसकर्मियों के साथ में शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजा गया. पुलिस मुख्यालय ने यूपी पुलिस से बात की है. इसकी जानकारी यूपी पुलिस को पहले ही दे दी गयी है. यह ट्रेन जिन-जिन स्टेशनों पर रुकेगी, वहां सख्त इंतजाम करने के लिए कहा गया है.
440 रुपये वसूला गया फाइन
इसी कारण संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में शहाबुद्दीन को जेनरल टिकट लेकर रिजर्वेशन में बैठने के कारण 440 रुपया जुर्माना वसूला गया. टिकट चेकर ने रात में उनका टिकट चेक किया तो 440 रुपया का फाइन काटा.
पटना में शहाबुद्दीन का ऐसे कटा समय : पी ग्रीन टी, दिन में खाये खजूर और फल
पटना. ट्रांजिट पीरियड में सीवान जेल से पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को शनिवार सुबह करीब 6.40 बजे पटना के बेऊर जेल में लाया गया. यहां उन्हें जनरल वार्ड में रखा गया था. शहाबुद्दीन के जेल में पहुंचते ही अंदर पहले से मौजूद दो बाहुबलियों ने उनका स्वागत किया. जनरल वार्ड में एक साथ तीनों लोग बैठे. जेल सूत्रों के मुताबिक इस दौरान एक बाहुबली ने चाय मंगायी. सुबह का वक्त था, इसलिए तीनों ने ग्रीन टी लिया. कुछ देर बात करने के बाद दोनों बाहुबली अपने वार्ड में चले गये और पूरे दिन शहाबुद्दीन जनरल वार्ड में रहे. बेऊर जेल में शहाबुद्दीन पहुंचने के बाद पूरे दिन अपने चार-पांच करीबियों के साथ घिरे रहे. उन्होंने अपने लोगों से बात की. दोपहर में जेल प्रशासन की तरफ से सामान्य कैदियों को परोसे जाने वाला खाना लाया गया. उन्होंने खाना खाया. इसके बाद शहाबुद्दीन के एक समर्थक ने उनके लिए खजूर और फल का इंतजाम किया. वह खजूर और फल खाये. इसके बाद समर्थकों के साथ उनका चाय का दौर चला.
थ्री लेयर सुरक्षा में रहे शहाबुद्दीन
सीवान से लाये जाने के बाद शहाबुद्दीन को विशेष सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया. सीवान से सीवान पुलिस व एसटीएफ उनको लेकर आयी. यहां पर उनके लिए थ्री लेयर की सुरक्षा लगायी गयी थी. जेल में शिफ्ट करने के दौरान सिटी एसपी, डीएसपी दानापुर, बेऊर थाने की पुलिस फोर्स वहां मौजूद रही.
दिन भर मौजूद रहे समर्थक
पटना में पूरे दिन उनके समर्थक यह पता लगाते रहे कि शहाबुद्दीन को दिल्ली तिहाड़ जेल कैसे ले जाया जायेगा. कुछ लोग बेऊर जेल के आसपास मौजूद रहे. तो कुछ लोग एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों का भी जमवाड़ा रहा. चरचा थी कि उन्हें दिल्ली की अंतिम फ्लाइट से ले जाया जायेगा. उनके साथ कुल 17 लोग जाने वाले हैं, गो एयर में टिकट बुक है. इसलिए समर्थक पूरे दिन एयरपोर्ट पर जमे रहे. वहीं यह भी चरचा थी कि उन्हें राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाया जायेगा. इस पर कुछ लोग पटना जंकशन पर मौजूद रहे. जबकि शाम को शहाबुद्दीन को संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाया गया. वह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजेंद्रनगर टर्मिनल से ट्रेन में बैठे. ट्रेन के रवाना होते समय उनके समर्थकों ने नारे लगाये.
फ्लैश बैक. तेजाब से दो भाइयों को नहलाने व तीसरे भाई की हत्या के मामले में मिली है उम्रकैद
पटना. सीवान में तेजाब कांड काफी चर्चित रहा है और इसकी गूंज पूरे भारत में रही है. यह घटना 2004 में हुई थी और इस मामले में प्रतापपुर में सहोदर भाइयों गिरीश व सतीश को अपराधियों ने तेजाब से नहला दिया था और दर्दनाक हत्या की थी. इसके बाद एक और भाई राजीव रोशन की भी हत्या 16 जून 2011 में सीवान के डीएवी मोड़ पर कर दी गयी थी. यह तेजाब से नहलाने वाले केस का गवाह भी था. इस मामले में यह सामने आया था कि शहाबुद्दीन के इशारे पर ही इस घटना को अंजाम दिया गया था. इस मामले में उनके पिता चंदा बाबू ने लगातार लंबी लड़ाई लड़ी और फिर काेर्ट ने शहाबुद्दीन को उम्र कैद की सजा दे दी. लेकिन, मार्च 2016 में जमानत मिल गयी. शहाबुद्दीन पर 39 हत्या व अपहरण के केस दर्ज हुए थे. इसमें से अधिकतर में जमानत हो चुकी थी और कई केस में सजा भी हुई थी. जब बिहार में जदयू व भाजपा गठबंधन की सरकार 2005 में आयी थी, तो शहाबुद्दीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी थी और जेल भेज दिया गया था. सितंबर 2016 में शहाबुद्दीन को हर मामले में पटना हाइकोर्ट से हर मामले में जमानत मिल गयी और वे 11 साल बाद जेल के बाहर भी आ गये. इसी बीच पत्रकार राजदेव रंजन की भी हत्या में भी शहाबुद्दीन की भूमिका सामने आ चुकी थी. पटना हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द करने का आग्रह किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी और फिर सीवान जेल में बंद थे. इसी बीच पीड़ितों की परिवार की सुरक्षा को लेकर फिर से यह गुहार लगायी गयी कि मो शहाबुद्दीन को दिल्ली के तिहाड़ जेल भेज दिया जाये. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मो शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने का निर्देश दे दिया.
इन मामलों में भी सजा
1996 को एसपी पर फायरिंग मामले में दस साल की सजा
माले कार्यालय पर 1998 में फायरिंग करने के आरोप में हुई थी दो साल की सजा
2004 तेजाब कांड में उम्र कैद
2007 में छोटेलाल को अगवा करने के मामले में उम्र कैद
2008 में अत्याधुनिक हथियार के मामले में दस साल की सजा
2011 में राजनारायण को अगवा करने के मामले में तीन साल की हुई थी सजा
मुगलसराय: 9.10 बजे
शहाबुद्दीन की तिहाड़ यात्रा से रेलयात्री परेशान
शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने के लिए शनिवार को पटना से 12393 राजेंद्र नगर-नयी दिल्ली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली भेजा गया. राजद नेता को ट्रेन के कोच नंबर एस-2 में ले जाया गया. इससे एस-2 में कई दिन पहले बर्थ का आरक्षण करा चुके यात्रियों को दिक्कत हुई. पता चला है कि शहाबुद्दीन को एस-2 में ले जाने के लिए कई यात्रियों को आनन-फानन में दूसरे कोच में चले जाने को कह दिया गया. इससे इन यात्रियों के सामने अचानक मुसीबत आ गयी. ये एक-दूसरे का मुंह ताक रहे थे. आपस में एक-दूसरो को टीटीई से संपर्क साधने की सलाह दे रहे थे, पर कोई ठोस समाधान किसी को नहीं सूझ रहा था. मुगलसराय से मिली जानकारी के मुताबिक, वहां रात 9.10 बजे पहुंची संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के एस-2 डिब्बे की तमाम खिड़कियां बंद कर दी गयी थीं. इस बीच मुगलसराय स्टेशन पर ट्रेन पहुंचने के साथ-साथ इसमें शहाबुद्दीन को ले जाने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गयी. शहाबुद्दीन की तिहाड़ यात्रा का गवाह बनने के लिए स्टेशन पर मौजूद लोगों की आंखें एस-2 की बंद खिड़कियों को भेदने की जबरदस्त कोशिश कर रही थीं.
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