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हाईप्रोफाइल रेव पार्टियों में नशे के लिये कोबरा जहर की तस्करी का खुलासा

पटना : बेहद हाई प्रोफाइल रेव पार्टियों में ‘कोबरा बाइट’ के नाम से मशहूर ड्रग ‘के-72 और के-76’ को तैयार करने वाले ‘कोबरा स्नेक वेनम (सीएसवी)’ को पूर्णिया से बरामद किया गया है. बिहार के अलावा पूर्वी भारत में सीएसवी की तस्करी का यह पहला मामला है, जिसे डीआरआइ (डॉयरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की विशेष […]

पटना : बेहद हाई प्रोफाइल रेव पार्टियों में ‘कोबरा बाइट’ के नाम से मशहूर ड्रग ‘के-72 और के-76’ को तैयार करने वाले ‘कोबरा स्नेक वेनम (सीएसवी)’ को पूर्णिया से बरामद किया गया है. बिहार के अलावा पूर्वी भारत में सीएसवी की तस्करी का यह पहला मामला है, जिसे डीआरआइ (डॉयरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की विशेष टीम ने जब्त किया है. शीशे के जार में बंद इस सीएसवी पर मेड इन फ्रांस और कंपनी का नाम ‘रेड ड्रैगन कंपनी’ लिखा हुआ है. बूलेट प्रूफ और पूरी तरह से एयर टाइट जार में बंद इस सीएसवी का कुल वजन 910 ग्राम है. सिर्फ अंदर बंद सिर्फ पॉउडर का वजह इसका आधा है. अंतराष्ट्रीय या ब्लैक मार्केट में इसके एक ग्राम की कीमत 40 हजार से एक लाख रुपये तक है, जो सोना और प्लैटिनम से भी कई गुणा महंगा है. परंतु डीआरआइ ने इसकी सरकारी कीमत तीन करोड़ 70 लाख रुपये आंकी है.
मंगलवार को पूर्णिया के लाइन बाजार चौक के पास से शाम करीब चार बजे दो तस्करों को इस बेहद महंगे जहर के साथ दबोचा गया. गिरफ्तार तस्करों में मधेपुरा निवासी बीरेंद्र मंडल और पूर्णिया के बेलौरी निवासी वकील दास शामिल हैं. दोनों तस्करों ने बताया कि ये इस ड्रग को पश्चिम बंगला के मालदा जिला स्थित कलीयाचक नामक स्थान से लेकर आ रहे थे और इसे नई दिल्ली में सप्लाई करना था. कलीयाचक भारत-बंगलादेश की सीमा है.
गिरफ्तार तस्करों और मुख्य सरगना के बीच मालदा के दो अन्य तस्कर नारायण घोष और गोपाल दास भी इसमें शामिल हैं. गोपाल दास पूर्णिया में दोनों तस्करों रेलवे टिकट और नई दिल्ली का वह पता देने वाला था, जहां इसे पहुंचाना था. गोला और नारायण फिलहाल फरार है, लेकिन इनका मोबाइल नंबर मिल गया.
दो लाख रुपये कमीशन मिलने का लालच
गिरफ्तार दोनों तस्करों बीरेन्द्र और वकील ने बताया कि वह पहले पश्चिम बंगाल से बिहार में अवैध रूप से विदेशी शराब की सप्लाई किया करते थे. इसी चक्कर में इनका संपर्क मालदा के गोपाल से हुआ. गोपाल ने बताया कि एक ऐसा काम है, जिसमें एक बारमाल पहुंचाने के दो-दो लाख रुपये बतौर कमीशन दोनों को मिलेंगे. इसी लालच के चक्कर में इन्होंने यह काम उठा लिया. बंगलादेश की सीमा कलीयाचक से इन दोनों तस्कर ही इस सीएसवी को लेकर दालकोला के रास्ते पूर्णिया पहुंचे थे.
बंगलादेश के रैकेट की होगी तलाश
अधिकारियों ने बताया कि बंगलादेश में मौजूद मो. जब्बार के पूरे नेटवर्क को दबोचने के लिए बंगालदेश के दूतावास से संपर्क किया जायेगा. मालदा में दोनों बिचौलियों गोपाल और नारायण को दबोचने के लिए छापेमारी शुरू हो गयी है. डीआइआइ अधिकारियों ने बताया कि वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भी इन पर मुकदमा चलेगा. क्योंकि कोबरा के जहर की तस्करी करना पूरी दुनिया में गैर-कानूनी है. कुछ दवा बनाने वाली फॉर्मा कंपनियों के पास ही इसके आयात का लाइसेंस है, वह भी कंट्रोल रूप में.

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