नौबतपुर: केवल वही किसान नहीं हैं, जिनके पास जमीन है, बल्कि खेती से जुड़ा हर व्यक्ति किसान है. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपाय कर रही है. तभी बिहार तरक्की करेगा. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री संस्कृति एवं किसान गौरव अभियान और खरीफ 2014 एवं हरी चादर कार्यक्रम का श्रीगणोश करते हुए कहीं.
बिजली के लिए अलग फीडर : उन्होंने कहा कि धान की उपज में बिहार ने विश्व रिकॉर्ड व गेहूं में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है. इसके लिए राष्ट्रपति ने कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया. बिहार में पहली बार 2008 में कृषि रोड मैप बनाया गया था, जिसका किसानों को काफी लाभ मिला था. दूसरा कृषि रोड मैप 2012 में बनाया गया, जिसके तहत फल, सब्जी, दूध, अंडा, मछली, धान, गेहूं आदि की पैदावार बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं. सरकार कृषि के विकास पर काफी ध्यान दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती के लिए बिजली के लिए अलग फीडर की व्यवस्था की जा रही है.
पहले कुटाई के लिए धान पंजाब व हरियाणा भेजा जाता था, लेकिन अब इसकी व्यवस्था बिहार में की जा रही है. दूध का पाउडर बनाने के लिए यूपी भेजा जाता था, जिसकी व्यवस्था यहां हो गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार हर गांव को पक्की सड़क से जोड़ रही है, ताकि किसान अपना अनाज आसानी से बाजार पहुंचा सकें. बिहार सरकार धान बेचने पर प्रति क्विंटल 250 रुपये का बोनस दे रही है, जो देश में कहीं नहीं दिया जा रहा है.
आपकी मेहनत से ही पुरस्कार : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों के मेहनत से ही कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है. पांच लाख एकड़ क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा श्री विधि से धान का प्रत्यक्षण कराया जायेगा. इसके अलावा बदलते मौसम के प्रभाव को कम करने के लिए अरहर, मक्का, ज्वार व बाजरा की खेती करायी जायेगी. इस मौके पर पटना जिले के खानपुरा प्रखंड के किसान मो जाहिद व नालंदा जिले के कतरी प्रखंड के संजय कुमार को प्रति हेक्टेयर 224 क्विंटल धान उपजाने के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य सचिव एके सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त जयराम लाल मीणा, प्रधान सचिव कृषि विभाग विवेक कुमार सिंह भी मौजूद थे.