पटना: राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने अपने 17 साल पुरानी सहयोगी पार्टी जदयू पर निशाना साधते हुए आज कहा कि जिन्होंने भाजपा का साथ छोडा है वे इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद अपने निर्णय पर अफसोस करेंगे.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित किए जाने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्टैचू ऑफ युनिटी के लिए किसानों से लौह संग्रह को लेकर आज यहां आयोजित एक राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने अपने 17 साल पुरानी सहयोगी पार्टी जदयू पर निशाना साधते हुए कहा कि हमसे नाता तोडने वाले इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद अपने निर्णय पर यह अफसोस करेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया.
नरेंद्र मोदी की धर्मनिरपेक्ष छवि पर प्रश्नचिंह लगाने वाले जदयू ने उन्हें चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने पर पिछले साल जून महीने में भाजपा से नाता तोड लिया था. जेटली ने कहा कि हमने गठबंधन नहीं तोडा है, पर इस निर्णय से हमें लाभ मिलेगा और हम बिहार में बेहतर करेंगे.समारोह को उनसे पहले संबोधित करने वाले पूर्व मंत्री और भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अश्विनी चौबे के यह कहे जाने कि लोकसभा चुनाव में जदयू के राज्य के 40 सीटों में एक भी सीट जीत लेने पर वे विधायक पद छोड देंगे, जेटली ने चौबे से कहा कि उनकी भविष्यवाणी सही साबित होगी. उन्होंने हंसते हुए चौबे से यह भी कहा कि वह विधायक पद से इस्तीफा नहीं दें, क्योंकि उनके बिना विधानसभा नहीं चल पायेगी.जेटली ने कांग्रेस अथवा जदयू एवं वामदलों द्वारा 11 दलों को साथ लेकर बनाए जा रहे फेड्रल फंट्र से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को कोई खतरा होने को खारिज करते हुए कहा कि नये नेतृत्व में कांग्रेस जनता का विश्वास नहीं रखती है तथा फेड्रल फ्रंट हारने वालों की जमात है.