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पटना:सरपंच को सैल्यूट करेंगे थानेदार

पटना: पंचायती राज मंत्री डॉ भीम सिंह ने चौकीदारों की सेवा सरपंचों को सौंपने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अभी चौकीदारों पर संबंधित थाना, डीएम व गृह विभाग का नियंत्रण है. गृह विभाग व डीजीपी के साथ बैठक कर इस पर निर्णय लिया जायेगा. सरपंचों को न्याय पगड़ी दी जा रही है. न्याय […]

पटना: पंचायती राज मंत्री डॉ भीम सिंह ने चौकीदारों की सेवा सरपंचों को सौंपने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अभी चौकीदारों पर संबंधित थाना, डीएम व गृह विभाग का नियंत्रण है. गृह विभाग व डीजीपी के साथ बैठक कर इस पर निर्णय लिया जायेगा.

सरपंचों को न्याय पगड़ी दी जा रही है. न्याय पगड़ी पहन कर थाने में जाने पर थानाध्यक्ष को सरपंचों का कुरसी से उठ कर स्वागत करना होगा. डॉ सिंह शनिवार को रवींद्र भवन में बिहार राज्य ग्राम कचहरी महासंघ द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन सह सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.

10 हजार से अधिक राशि के सिविल वाद की सुनवाई का अधिकार : उन्होंने कहा, सरपंचों पर होनेवाले मुकदमों की समस्या से निबटने के लिए भी विभाग चिंतित है. अब किसी भी सरपंच या जनप्रतिनिधि पर मुकदमा होने पर उसकी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जायेगी. इससे सरपंचों पर मुकदमे दायर करने पर रोक लगेगी. साथ ही जिम्मेवारी भी तय होगी कि कौन और कहां मुकदमा दायर किया जा सकता है. ग्राम कचहरी को 10 हजार से अधिक राशि के सिविल वाद की सुनवाई का अधिकार देने पर भी विचार किया जा रहा है.

न्यायमित्रों की सेवा स्थायी : न्याय मित्रों की सेवा स्थायी की गयी है. उन्हें पद से नहीं हटाया जायेगा. वैसी पंचायत जिनका समावेश नगर पंचायत या नगर परिषद में हो चुका है, उनके न्याय मित्रों को भी नहीं हटाया जायेगा. उनका समायोजन बगल की पंचायतों में किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन में सरपंचों के लिए चैंबर और कोर्ट लगाने के लिए कोर्ट रूम भी मिलेगा. पहला पंचायत सरकार भवन मधेपुरा जिला की सुखासन ग्राम पंचायत में तैयार हो गया है. सरपंचों का जीवन बीमा कराया जा रहा है. इसका प्रीमियम भी सरकार ही भरेगी. जनप्रतिनिधियों के खाते में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से मानदेय राशि का भुगतान किया जायेगा. कचहरी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजेश ने कहा कि सरपंचों को मुखिया व समिति से अलग समझा जाना चाहिए. न्याय देने में जोखिम है. सरपंचों को सुविधा देने की जरूरत है.

नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं: उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है. प्रवक्ता विनय कुमार तिवारी ने विकसित बिहार बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खाते में लोकसभा की 40 सीटें दिलाने की अपील की. महासंघ के सचिव मुरलीघर मिश्र ने पंचायत की किसी भी कमेटी या मनरेगा में सरपंचों को नहीं शामिल करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने सरपंचों के लिए सुरक्षा की मांग भी उठायी.

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