पटना/साठी (बेतिया): पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज प्रखंड की सोमगढ़ पंचायत के सिरिसिया गांव में मंगलवार को महापंचायत लगी. इसमें लड़कियों के मोबाइल रखने पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया. महापंचात में छेड़छाड़, चोरी, छिनतई जैसी घटनाओं पर चर्चा हुई.
मुखियापति जाकिर अंसारी ने कहा कि जिन लड़कियों की शादी नहीं हुई है या जो नाबालिग हैं, उन्हें मोबाइल रखने पर पाबंदी लगा दी जाये. मोबाइल से छेड़खानी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. उनके इस प्रस्ताव पर वहां उपस्थित ग्रामीणों ने मुहर लगा दी. यह फैसला हुआ कि वह परिवार, जिसके घर की बच्ची मोबाइल रखेगी, उसे दंडित किया जायेगा. इधर, पंचायती राज मंत्री डॉ भीम सिंह ने कहा कि लड़कियों को मोबाइल फोन रखने पर पंचायतों को निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. पंचायतों को न्यायिक कार्य करने का अधिकार नहीं है. ऐसे में इस तरह के फैसले लेने की बात ही नहीं है.
निचले स्तर पर न्यायिक कार्य करने का अधिकार ग्राम कचहरियों को दिया गया है. अगर कोई पंचायत कार्यकारिणी बुला कर ऐसी कोई वैधानिक निर्णय लेता है, तो कार्रवाई होगी. रही बात पंचायत के नाम पर दर्जन भर लोग किसी तरह का सामाजिक निर्णय लेते हैं, तो यह सामाजिक मुद्दा है, जिसे समाज को ही बातचीत से समाप्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंचायत के निर्णय के खिलाफ लड़कियों या अन्य द्वारा शिकायत दर्ज करायी जाती है, तो जरूर कार्रवाई होगी.
आज टेक्नोलॉजी से महिलाओं को अवगत कराने की जरूरत है. पंचायत का ऐसा फरमान महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकने का कदम है.
डीएम दिवाकर, निदेशक, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट
ऐसे निर्णय से समाज पीछे छूटेगा. मोबाइल के दुरुपयोग को रोकने की बात हो तो समझ में आती है, पर मोबाइल के उपयोग को रोकना अब संभव नहीं है.
डॉ एमएन कर्ण, समाजशात्री