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बीते कल की चिंता से बेहतर होगा भविष्य: नीतीश

पटना: बिहार की ऐतिहासिक धरोहरों, अभिलेखों व स्थलों को सहेजने की जरूरत है. बिहार सरकार द्वारा इसके लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं. पटना में जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बन रहा है, वहीं मधुबनी के बलराजगढ़ में खुदाई के काम को भी मंजूरी मिल गयी है. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार […]

पटना: बिहार की ऐतिहासिक धरोहरों, अभिलेखों व स्थलों को सहेजने की जरूरत है. बिहार सरकार द्वारा इसके लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं. पटना में जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बन रहा है, वहीं मधुबनी के बलराजगढ़ में खुदाई के काम को भी मंजूरी मिल गयी है.

ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख कमेटी के 61वें अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि अगर कोई बीते हुए कल की चिंता नहीं करेगा, वह आज को ठीक नहीं कर सकता है. जो आज को ठीक कर लेगा, तो उसे भविष्य की चिंता नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के आधुनिकीकरण में कई टेक्नोलॉजी आ गयी है, जिसके जरिये अभिलेखों को सहेज कर रखा जा सकता है. कंप्यूटरीकृत किया जा सकता है, डिजिटाइजेशन किया जा सकता है, लेकिन उसकी हार्ड कॉपी जरूर रखें. पांडुलिपियों को भी सुरक्षित करने की भी आवश्यकता है.

ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई जरूरी : मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में पहले से म्यूजियम था, लेकिन सभी अभिलेखों का डिसप्ले ठीक से नहीं हो पाता था. इसलिए अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम की आवश्यकता पड़ी. इसके लिए लॉर्ड कंसल्टेंट हैं, जबकि आर्किटेक्ट जापान के हैं. इस म्यूजियम में इतिहास के कालखडों के हिसाब से प्रदर्शित किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले रेकॉर्ड रखने पर लोग जोर नहीं देते थे. इसका कारण शिक्षा थी, जो सब के लिए उपलब्ध नहीं थी. जिसके पास ज्ञान था, उसकी समाज में प्रतिष्ठा थी. इसी कारण ये आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती थी. लोग लोककथाओं के माध्यम से जानते थे, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक मौखिक रूप से चलती रही. सीएम ने कहा अपनी विरासत को सहेजने की संस्कृति ही नहीं थी हमारे पास. जेपी आंदोलन से जुड़े कई दस्तावेज गायब हैं. गृह विभाग के साथ-साथ जेलों में भी इससे जुड़े कोई दस्तावेज नहीं हैं. उन्होंने अभिलेखों के संरक्षण के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि खुदाई का काम होना चाहिए. इससे हमें ऐतिहासिक जानकारियां मिलेंगी.

चार पुस्तकों का विमोचन
समारोह में अनुग्रह बाबू पर लिखी चार पुस्तकों और एक स्मारिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह और अनुग्रह बाबू के बाद अब अभिलेखागार निदेशालय लोक नायक जय प्रकाश नारायण के आंदोलन, उनके भाषण पर काम कर रहा है. जल्द ही तैयार कर उसे भी प्रकाशित करें. समारोह में कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रो निहार नंदन सिंह, संस्थान के निदेशक विजय कुमार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी एम ए हक और दूसरे राज्यों से आये प्रतिनिधि शामिल थे. अधिवेशन में अभिलेखों की स्थिति और क्या होनी चाहिए, इस पर शुक्रवार तक चर्चा होगी.

नरेंद्र मोदी पर निशाना
मुख्यमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि कितनों के मुंह से सुना है कि तक्षशिला बिहार में है. एक बार तो मैंने इस पर टोक भी दिया. कई बार लोग बाहर से आते हैं, कुछ भी बोल देते हैं और सब सुन भी लेते हैं. नीतीश ने कहा कि मैंने इतिहास नहीं पढ़ा, लेकिन मुङो इसमें रुचि है. विकास यात्रा के दौरान जब मधुबनी के बलराजगढ़ पहुंचा, तो वहां के बारे में तरह-तरह की कहानियां सामने आयी. मैंने तुरंत वहां खुदाई करवाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को लिखा. पहले तो वहां से नकार दिया गया, लेकिन बाद में सहमति मिल गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को अबतक वर्ल्ड हैरिटेज में सम्मिलित नहीं किया गया है. इस पर मैंने देश-विदेश के विद्वानों का ध्यान आकृष्ट कराया है.

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