पटना: राज्य सरकार 16 से 31 दिसंबर तक सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के बीच बंटनेवाली साइकिल और पोशाक राशि के उपयोग की जांच करायेगी. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साइकिल और पोशाक योजना की राशि खर्च की जांच की जायेगी. पिछले साल कुछ जगहों पर पुराने ड्रेस को दिखा कर रसीद जमा करा दी थी. प्रधान सचिव ने अभिभावकों से पोशाक राशि के लिए तैयारी कर लेने का अनुरोध किया.
एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन एवं शोध संस्थान में आयोजित एनएसएस, प्रोग्राम पदाधिकारी और 38 अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्य को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल नये पोशाक पहन कर आने वाले बच्चों को ही पोशाक राशि दी जायेगी. प्रधान सचिव ने कहा कि बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार की ओर से मिलने वाली राशि का हरहाल में शिक्षा के मद में ही अभिभावक खर्च करें, ताकि इसका लाभ बच्चों को मिले. अगले वित्तीय वर्ष में स्कूलों में छात्रों को विभिन्न योजनाओं के मिल रहे लाभ के सर्वेक्षण के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप स्कूलों के सर्वेक्षण में गहराई तक जांच करें. इससे हमें सही तथ्य मिलता है. पिछले सर्वेक्षण के लिए एनएसएस की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि आप से मिले सुझाव को हम पूरी तरह से लागू कर रहे हैं.
विभिन्न वर्गो के छात्र और छात्राओं को मिलने वाली पोशाक की राशि, छात्रवृत्ति व साइकिल योजना की राशि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल बैंक के साथ समन्वय नहीं होने के कारण राशि का भुगतान नहीं हो सका था. इस साल बैंकों के साथ समन्वय स्थापित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इस साल विभिन्न मदों में तीन हजार करोड़ रुपये का वितरण होगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक डॉ डीएम दिवाकर ने किया. वहीं उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीताराम सिंह और शिवेंद्र ने भी एनएसएस स्वयंसेवकों के योगदान का सराहा.