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मरीजों का तैयार होगा डाटा बैंक : नीतीश कुमार

पटना: राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दूसरे चरण की शुरुआत बुधवार को हो गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 440.20 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया. इनमें बिहार चिकित्सा आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित की जानेवाली 10 जीएनएम स्कूल, 10 एएनएम स्कूल, अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज गया व दरभंगा मेडिकल […]

पटना: राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दूसरे चरण की शुरुआत बुधवार को हो गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 440.20 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया. इनमें बिहार चिकित्सा आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित की जानेवाली 10 जीएनएम स्कूल, 10 एएनएम स्कूल, अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज गया व दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आधुनिकीकरण की योजनाएं शामिल हैं.

उन्होंने भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित 71 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 30 बेडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उत्क्रमित करने की योजना का भी उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने राज्य में आइ बैंक, एक किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर, भागलपुर व दरभंगा में सुपर स्पेशियलिटी कैंसर सेंटर और आइजीआइएमएस में स्टेट ऑफ आर्ट कैंसर संस्थान की स्थापना करने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि अब मरीजों का डाटा बैंक तैयार होगा, जिससे क्षेत्रवार होनेवाली बीमारियों का विश्‍लेषण किया जा सके. साथ ही उसके अनुसार दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके.

एनएमसीएच में सुपर स्पेशियलिटी सेवा : मुख्यमंत्री ने अपने सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित समारोह में मुजफ्फरपुर व पूर्णिया में नवस्थापित दवा भंडारों (वेयर हाउस) की केंद्रीकृत व्यवस्था ‘औषधारा’ का भी उद्घाटन किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विभिन्न दवा भंडारों में दवाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने बिहार चिकित्सा सेवाएं तथा आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के प्रतीक चिह्न् (लोगो) का भी लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है. पहले सभी वर्ग के कर्मियों के लिए नियमावली तैयार की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग को छह माह के लिए महत्वपूर्ण टास्क दिया गया है. इस समय सीमा में 534 प्रखंडों में न्यूनतम एक-एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा बहाल की जानी है. हर जिले के दो एपीएचसी में रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी की सेवा शुरू करनी है. सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एमआरआइ व सिटी स्कैन स्थापित करना है. 36 जिला अस्पतालों में सिटी स्कैन व किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस सेवा बहाल करनी है. एनएमसीएच प्रांगण में 100 बेडों की जननी एवं शिशु के बेहतर इलाज के लिए सुपर स्पेशियलिटी सेवा बहाल की जायेगी.

300 बेड का होगा गुरु गोविंद सिंह अस्पताल
दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल व फुलवारीशरीफ पीएचसी को 100 बेड के अस्पताल में उत्क्रमित किया जायेगा. इसी तरह गुरुगोविंद सिंह अस्पताल को 300 बेड व दरभंगा जिला अस्पताल को 100 बेड के अस्पताल में उत्क्रमित किया जायेगा. जिला अस्पतालों में नेत्र, चर्म, दंत व हार्ट डिजीज से संबंधित रोगियों के इलाज की व्यवस्था की जायेगी. सभी जिला अस्पतालों में चार बेड का आइसीयू की स्थापना की जायेगी. 15 जनवरी तक सभी जिला अस्पतालों में फिजियोथिरेपी यूनिट की सेवा शुरू हो जायेगी. सभी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में एक-एक मॉड्यूलर ओटी की स्थापना भी छह माह के अंदर किया जायेगा. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का मास्टर प्लान के तहत उन्नयन व सुदृढ़ीकरण किया जायेगा. उन्होंने चिकित्सकों से अनुरोध किया कि नये मेडिकल कॉलेजों के सृजन में सहयोग करें. अगर वहां स्थानांतरण होता है तो उसे विकसित करने की कोशिश करें.

दवा वितरण ऑनलाइन : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने दूसरे चरण के सुधारों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर, कसबा व फतुहा में क्षेत्रीय दवा भंडार कार्यरत हो गया है. अब दवाओं की खरीद व वितरण में कोई परेशानी नहीं होगी. बीएमएसआइसीएल के एमडी प्रवीण किशोर ने बताया कि 225 दवाओं की दर निर्धारित कर दी गयी है. दवा वितरण की ऑनलाइन व्यवस्था की गयी है. धन्यवाद ज्ञापन स्वास्थ्य सचिव सह कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने किया. मौके पर मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, राज्य एड्स नियंत्रण समिति के पीडी संजीव कुमार सिन्हा, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार, निदेशक प्रमुख डॉ सुरेंद्र प्रसाद, स्वास्थ्य समिति के प्रशासक अशोक कुमार सिंह, कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एके शाही, राज्य औषधि नियंत्रक हेमंत कुमार सिन्हा, विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य, अधीक्षक व वरीय शिक्षक मौजूद थे.

सभी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में एक-एक मॉड्यूलर ओटी
सभी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में एक-एक मॉड्यूलर ओटी की स्थापना भी छह माह के अंदर किया जायेगा. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का मास्टर प्लान के तहत उन्नयन व सुदृढ़ीकरण किया जायेगा. उन्होंने चिकित्सकों से अनुरोध किया कि नये मेडिकल कॉलेजों के सृजन में सहयोग करें. अगर वहां स्थानांतरण होता है तो उसे विकसित करने की कोशिश करें.

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