पटना: ट्रांसपोर्टर स्व. सत्येंद्र सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह को चार दिसंबर का इंतजार है. उनकी चार सालों की अथक मेहनत व प्रयास का नतीजा बुधवार को आने वाला है. एक साधारण सी घरेलू महिला को पति के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए सड़क पर उतरना पड़ा. हालांकि यह इनके लिए काफी कठिन था, लेकिन दिल में केवल एक ही इच्छा थी कि सांसद विजय कृष्ण व उनके बेटे चाणक्य को फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाये.
शुरू में उनके खिलाफ काफी अफवाह भी उड़ायी गयी, ताकि वे केस छोड़ कर अपने घर में बैठ जायें. यहां तक कि जान से मारने की धमकी और समझौता करने की सलाह भी दी गयी. लेकिन लक्ष्मी सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार हर तिथि पर न्यायालय जा कर खुद ही केस को देखते रही. उनकी मेहनत का नतीजा है कि सत्येंद्र सिंह की हत्या में आरोपित विजय कृष्ण व उनके बेटे को न्यायालय कल सजा सुनाने वाला है. खास बात यह है कि इनकी मदद के लिए कोई नहीं था. इन्होंने अपने बच्चों को हमेशा इससे दूर रखा और खुद ही प्रयास करती रही. उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी करवायी और उन्हें बाहर नौकरी करने की इजाजत भी दी. कई लोगों ने उन्हें सलाह दी कि वे अपने बच्चों को पटना बुला लें, ताकि उनकी मदद हो सके.
लेकिन लक्ष्मी ने ऐसा कभी नहीं किया. अभी इनका बेटा शैंकी कनाडा में नौकरी कर रहा है और दो बेटी में से एक की शादी पहले ही हो चुकी है. छोटी बेटी आकांक्षा पुणो में इंजीनियर है. लक्ष्मी सिंह ने कहा कि वह जब पति की हत्या के बाद केस की सारी जिम्मेवारी अपने कंधों पर ली तो गलत अफवाह तक उड़ा कर पीछे जाने को मजबूर करने का प्रयास किया गया. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार कोर्ट में न्याय की आस में लगी रही. इस प्रयास में किसी ने उनका साथ नहीं दिया. पांच ट्रक में से तीन बिक गये लक्ष्मी सिंह ने कहा कि पति की मौत के बाद ट्रांसपोर्ट का बिजनेस लगभग खत्म हो गया. पति के भाई ही ट्रक का धंधा देखते हैं. उनकी मौत के बाद पांच ट्रक उनके हिस्से में मिला. लेकिन एक महिला से ट्रक का धंधा संभव नहीं था. इसकी वजह से तीन ट्रकों को बेचना पड़ा. अभी मात्र दो ट्रक ही हैं और वो भी जैसे-तैसे चल रहे हैं.
चुनाव लड़ने की पति की इच्छा करूंगी पूरी
लक्ष्मी सिंह ने कहा कि उनके पति की इच्छा थी कि वे किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े. लेकिन उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई और उन्होंने जिसके लिए अपना कैरियर व व्यवसाय बरबाद कर दिया, उसी ने उनकी हत्या कर दी. विजय कृष्ण व उसके बेटे चाणक्य ने उन्हें जिंदगी भर का दु:ख दे दिया. लक्ष्मी सिंह ने कहा कि वे अपने पति की इच्छा पूरी करने के लिए अगर मौका मिले तो खुद भी किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने जदयू से ही चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में ही उन्हें न्याय मिल रहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी अर्पित करती हूं.
फांसी की मिले सजा
लक्ष्मी सिंह ने कहा कि विजय कृष्ण व उनके बेटे को फांसी की सजा दी जाये, क्योंकि इन लोगों ने विश्वास की भी हत्या की है. ऐसे दोषियों की सजा सिर्फ फांसी है.