हर जिले में होगा श्वान दस्ता
पटना: राज्य सरकार नक्सली व आतंकी संगठनों से निबटने की तैयारी में मुस्तैदी से जुट गयी है. आतंकवादी निरोधी दस्ते (एटीएस) के गठन के बाद अब हर जिले में श्वान दस्ते का गठन करने जा रही है. पुलिस के सभी बड़े अधिकारियों को नक्सलियों व आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क से अवगत कराना है, इसके लिए आइबी की समय-समय पर मदद ली जायेगी. इतना ही नहीं, एटीएस के जवानों व अधिकारियों को सैद्धांतिक प्रशिक्षण आइबी व लड़ाई से संबंधी प्रशिक्षण एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रुप) में दिलाने पर केंद्र सरकार से सहमति मिल गयी है. इसके अलावा यूपी पुलिस भी इस दस्ते के जवानों को प्रशिक्षण में सहयोग देगी.
दस्ते के लिए 493 पद सृजित
श्वान दस्ते के लिए 493 पद सृजित किये जायेंगे. गृह विभाग के प्रस्ताव पर प्रशासी पद वर्ग समिति ने सहमति दे दी है. उन्नत नस्ल के डॉग की खरीदारी की जायेगी. इस दस्ते में कार्यरत जवानों को भी एटीएस के तर्ज पर प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसी के साथ पुलिसकर्मियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम को सुदृढ़ किया जा रहा है. इसमें बड़े पैमाने पर इंजीनियरों की नियुक्ति की जायेगी. इसके लिए पौन पांच करोड़ रुपये खर्च का आकलन किया गया है. मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए कैबिनेट विभाग को प्रस्ताव भेजा जायेगा.
खरीदे जायेंगे अत्याधुनिक हथियार
राज्य पुलिस मुख्यालय ने एटीएस के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की भी तैयारी शुरू कर दी गयी है. एक सप्ताह के अंदर नाइट डिवाइस गन व बम निरोधक उपकरणों सहित कई अत्याधुनिक हथियारों की खरीद के ग्लोबल टेंडर जारी कर दिये जायेंगे. आइजी स्तर के अधिकारी को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
तैनात होंगे एक डीआइजी, दो एसपी
राज्य पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार एटीएस में शीघ्र ही एक डीआइजी व दो एसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की जायेगी. इसके साथ ही डीएसपी, इंस्पेक्टर सहित कुल 300 कर्मियों की तैनाती की जायेगी. इसमें एक कंपनी पुलिस बल के साथ ही ड्राइवर, कुक सहित अन्य कर्मी भी शामिल होंगे.
आतंकवाद से लड़ने को मिलेगा सघन प्रशिक्षण
बिहार एटीएस के पुलिसकर्मियों को कंप्यूटर, मोबाइल फोरेंसिक, डाटा बेस खंगालने व तैयार करने सहित सघन शारीरिक प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए इच्छुक पुलिसकर्मियों में से उनकी पूर्व की उपलब्धियों को देखते हुए चयन किया जायेगा. एटीएस के प्रशिक्षण के लिए पुलिसकर्मियों नेशनल ट्रेनिंग सेंटरों में भी भेजा जायेगा. बम निरोधक दस्ता को अलग से एटीएस के लिए तैयार किया जायेगा.
एटीएस का मुख्यालय सुपौल में
गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार एटीएस का मुख्यालय गया निर्धारित किया गया है, लेकिन इसे सुपौल ले जाने की तैयारी है. गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. वहां से मंजूरी मिलते ही सुपौल में मुख्यालय बनाया जायेगा. प्रस्ताव यह भी है कि जहां आतंकवादी निरोधी दस्ता कार्यरत रहेगा, वहां अत्याधुनिक उपकरण रहेंगे.
गठन में लग गये साढ़े चार साल : मोदी
भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उदासीनता के कारण ही एटीएस के गठन में साढ़े चार साल से भी अधिक का वक्त लग गया. इंडियन मुजाहिद्दीन पर कार्रवाई के मामले में भी सीएम की सुस्ती के कारण पुलिस सुस्त रही. यदि यासीन भटकल व तहसीन अख्तर जैसे आतंकियों पर दरभंगा व मधुबनी कनेक्शन के मद्देनजर मुकदमा दर्ज किया गया होता, तो रक्सौल में उन्हें पुलिस गिरफ्तार कर लेती. उन्होंने कहा कि मुंबई में आतंकी हमले के बाद ही केंद्र ने सभी राज्यों में एटीएस के गठन का निर्णय लिया था. इस आलोक में पुलिस मुख्यालय ने 2008 में ही मुख्यमंत्री को एटीएस के गठन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वे उस पर कुंडली मार कर बैठे रहे. जब बोधगया में ब्लास्ट हुआ, तब उन्हें इसकी सुधि आयी. मोदी ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों पर मुख्यमंत्री का नजरिया ही साफ नहीं है. कभी वे आतंकियों की गिरफ्तारी पर विरोध जताते हैं, तो कभी यासीन भटकल से पूछताछ करने की मनाही करते हैं. जदयू के लोग जहां इसरत जहां को ‘बिहार की बेटी’ बताते नहीं थक रहे थे, वहीं तहसीन के चाचा को पार्टी का नेता बना कर गौरवान्वित हो रहे हैं.