पटना: राजधानी में तीन आइ बैंकों की स्थापना की जायेगी. अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के स्वीकार करने के बाद इसका रास्ता आसान हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार को इस दिशा में पहल करने का निर्देश दिया है.
प्रधान सचिव ने बताया कि सबसे पहले पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान व राजेंद्रनगर अस्पताल में आइ बैंक स्थापित किये जायेंगे. नये एक्ट के आ जाने के बाद अब निजी क्षेत्र के अस्पतालों में भी इसकी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
सरकार निजी क्षेत्र के अस्पतालों में आइ बैंक स्थापित करने की दिशा में प्रोमोशन का काम करेगी. नेत्र रोग विशेषज्ञ व जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में बिहार ऑफ्थॉल्मिक एसोसिएशन की टीम ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस संबंध में मुलाकात की थी.
डॉक्टरों की टीम ने राज्य में मानव अंग प्रत्यारोपण नियमावली लागू करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि नियमावली लागू होने से राज्य में बड़ी संख्या में कार्निया का प्रत्यारोपण हो सकेगा. अब तक कार्निया के मरीजों की आंख की रोशनी खत्म हो जाती थी. सरकारी नियम नहीं होने के कारण कार्निया का प्रत्यारोपण संभव नहीं था. मुख्यमंत्री से मिलनेवाले शिष्टमंडल में डॉ सुनील कुमार सिंह के अलावा डॉ सुभाष प्रसाद, डॉ नागेंद्र प्रसाद व डॉ अनिल जायसवाल मौजूद थे. मुलाकात के बाद डॉ सिंह ने बताया कि आंखों में चोट के कारण, किसी इंफेक्शन के कारण पुतली सफेद हो जाता है और आंखों की रोशनी चली जाती है. सरकार द्वारा मानव अंग प्रत्योरापण नियमावली लागू कर देने से आंखों के इलाज में बड़ा लाभ होगा.