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दिल्ली कृपा कर दे, तो होगा और विकास : सीएम

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहरायी है. बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद भवन में एनके सिंह व निकोलस स्टर्न की संपादित पुस्तक ‘द न्यू बिहार : रिकाइंडलिंग गवर्नेस एंड डेवलपमेंट’ के विशेष विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि बिहार अपने दम पर […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहरायी है. बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद भवन में एनके सिंह व निकोलस स्टर्न की संपादित पुस्तक ‘द न्यू बिहार : रिकाइंडलिंग गवर्नेस एंड डेवलपमेंट’ के विशेष विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि बिहार अपने दम पर तरक्की कर रहा है. अगर दिल्लीवाले कृपा कर दें, तो इसमें और चार चांद लग जायेगा. अपने दम पर तरक्की कर रहा बिहार विकास की नयी ऊंचाई को छू सकता है. सीएम ने यह भी कहा कि बिहार मॉडल से ही सही मायने में देश की तरक्की हो सकती है.

उद्यमियों को टैक्स में छूट जरूरी : उन्होंने कहा कि साइकिल योजना सहित राज्य की कई योजनाएं सफल रही हैं. केंद्र प्रायोजित योजनाओं में अगर 90 और दस फीसदी का अनुपात हो जाये, तो सरकार और योजनाएं शुरू कर सकती है. सार्वजनिक पूंजी से राज्य का विकास हुआ है. निजी निवेश अब भी कम है. उद्यमियों को अगर विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों की तरह टैक्स में छूट मिले, तो बिहार में भी निजी निवेश होगा. बिहार ने अपने विकास से एक मॉडल दिया है. यह न्याय के साथ विकास व समावेशी विकास का मॉडल है. अगर यह मॉडल पूरे देश में लागू हो, तो भारत को कोई छू नहीं सकता.

चार हजार मेगावाट बिजली अगले साल तक : मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में बिहार में शून्य उत्पादन था. अगले साल तक चार हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति की जायेगी. पुस्तक के लेखक व जदयू सांसद एनके सिंह ने किताब के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी. कहा कि बिहार तेजी से विकास कर रहा है. कार्यक्रम में स्वागत भाषण एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने किया. कार्यक्रम में बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति ताराकांत झा, पूर्व विप सदस्य संजय झा, सेवानिवृत्त आइएएस आइसी कुमार, ओपी शाह आदि मौजूद थे.

सोशल मीडिया से विचारों पर हो रहा हमला : सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे दुष्प्रचार पर सीएम ने कड़ी आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में इस पुस्तक के विमोचन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो अमर्त्य सेन ने बिहार मॉडल की तारीफ की. यहां के विकास के तौर-तरीके को सराहा, तो सोशल मीडिया में उन पर हमले शुरू कर दिये. उन्हें जो बातें सुननी पड़ी, शायद ही अब तक सुननी पड़ी हो. यह विचारों व मौलिक अधिकारों पर हमला है.

बिहार समावेशी विकास का उदाहरण : शैबाल
आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता ने कहा कि बिहार का समावेशी विकास एक उदाहरण है. पिछड़े राज्य को कैसे आगे लाया जा सकता है. इसके लिए बिहार ने एक मॉडल दिया है. जदयू सांसद एनके सिंह ने कहा कि बिहार बदल चुका है. अब कोई बीते बिहार में नहीं जाना चाहेगा. प्रथम की निदेशक रुक्मिणी बनर्जी ने बिहार में साइकिल योजना की सराहना की. एआइआइ के संस्थापक ट्रस्टी तरूण दास ने कहा कि उद्यमियों के लिए ऐसी नीति बनानी होगी जो निवेश को आकर्षित करे. विवाद का संचालन वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने किया.

बिहार को विशेष राज्य का मिले वजीफा : जावेद
गीतकार सह राज्यसभा सांसद जावेद अख्तर ने कहा कि बिहार में आजादी के समय कई आंदोलन हुए. देश की आजादी में भाग लेने वालों को वजीफा मिलता है तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देकर ही वजीफा दे दिया जाये. बिहार विकास कर रहा है पर इसकी चर्चा देश में सही तरीके से नहीं हो रही है. सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से जानकारी दी जानी चाहिए. सरकार के जनसंपर्क विभाग को सोचना होगा. एनके सिंह की संपादित पुस्तक के लोकार्पण समारोह के बाद वाद-विवाद में उन्होंने उक्त विचार व्यक्त किये. उन्होंने कहा, बजट में शिक्षा को प्राथमिकता मिले. गुजरात के विकास मॉडल की खूब चर्चा होती है. क्या आम लोगों को कुछ फायदा हुआ है. अब भी शिशु मृत्यु दर वहां सबसे अधिक है. प्रभावकारी बिहार का विकास मॉडल है.

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