पटना: चक्रवाती तूफान फैलीन का असर ऐतिहासिक गांधी मैदान में होनेवाले रावण वध व लंका दहन समारोह पर भी पड़ा है. इसकी वजह से सोमवार को जलनेवाला रावण, कुंभकरण और मेघनाद इस बार एक दिन पहले रविवार को ही जला दिया जायेगा. शनिवार को श्री दशहरा कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष वीके लूथरा व सचिव अरुण कुमार ने कहा कि रावण वध समारोह रविवार की शाम चार बजे होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शाम चार बजे प्रतीकात्मक रूप से तीर-धनुष से प्रहार कर रावण के पुतले को जला कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देंगे. समारोह में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी भी उपस्थित रहेंगे.
57 साल में पहला मौका
57 वर्षो के लंका दहन इतिहास में पहला मौका होगा जब नवमी के दिन ही रावण का पुतला जला दिया जायेगा. हालांकि इस संबंध में अध्यक्ष वीके लूथरा का कहना है कि हिंदी कैलेंडर से नवमी की तिथि रविवार की दोपहर डेढ़ बजे खत्म हो जायेगी. उसके बाद दशमी की तिथि प्रारंभ हो जायेगी. पंडितों की राय के बाद ही रविवार को लंका दहन करने का निर्णय लिया गया है. वैसे दिल्ली सहित पूरे देश में 13 को ही लंका दहन होगा.
नहीं निकलेगी झांकी
हर साल की तरह इस बार लंका दहन से पहले सड़क पर झांकी नहीं निकलेगी. हरेक साल कदमकुआं के नागाबाबा ठाकुरबाड़ी से जुलूस निकल कर गांधी मैदान पहुंचता था, मगर ट्रैफिक को देखते हुए इस बार मैदान के अंदर की ही तीन झांकियां निकलेगी. सचिव अरुण कुमार ने बताया कि पहली झांकी में हनुमान जी वानर सेना के साथ देखेंगे. दूसरी झांकी में भगवान श्रीराम व लक्ष्मण रथ पर सवार होंगे. वहीं, तीसरी झांकी सुग्रीव, अंगद, जामवंत, निषाद राज व विभीषण होंगे. शांति का संदेश देने हेतु पिटारे में दीप प्रज्जवलित कर आसमान में छोड़ेंगे. इस साल हनुमान जी मां सीता को लंका से छुड़ाने के बाद पुष्पक विमान से लायेंगे.