हुंकार रैली से पहले चारा घोटाले को लेकर भाजपा में विवाद
सरयू राय ने मोदी को लिखे पत्र को सार्वजनिक किया
नीतीश मंत्रिमंडल में आप प्रयासपूर्वक पहुंचे थे
मुझे नीतीश कहते रहे और मैंने पद नहीं लिया
पटना :27 अक्तूबर की हुंकार रैली के पहले चारा घोटाले को लेकर भाजपा का कलह सतह पर आ गया है. भाजपा नेता सरयू राय ने बुधवार को सुशील कुमार मोदी को लिखे पत्र को मीडिया में जारी कर दिया. पत्र में उन्होंने सुशील कुमार मोदी से कहा कि आप गिरिराज सिंह के कंधे पर रख कर मेरे ऊपर बंदूक चला रहे हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि नीतीश कुमार की सरकार में आपने प्रयासपूर्वक पद हासिल किया था, जबकि नीतीश कुमार मुझसे कई बार पद लेने के लिए कहते रहे, पर मैंने इसे स्वीकार नहीं किया. भाजपा में यह बवाल उस समय उभरा है, जब चारा घोटाले के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद व डॉ जगन्नाथ मिश्र को सजा हो गयी है.
दूसरी ओर, बिहार भाजपा 27 अक्तूबर को पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में गांधी मैदान की हुंकार रैली की तैयारी में जुटी है. चारा घोटाले को लेकर 1996 में पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर करनेवालों में सुशील मोदी व सरयू राय दोनों थे.
अच्छी तरह जानते हैं एक-दूसरे की औकात
सरयू राय ने सुशील मोदी से कहा कि हम दोनों एक-दूसरे की औकात अच्छी तरह जानते हैं. अपनी सीमा और मर्यादा का ख्याल रखना बेहतर होगा. गिरिराज के बयान को घटिया प्रेस वक्तव्य बताते हुए उन्होंने कहा कि भ्रम फैलाने की कितनी पुरजोर कोशिश क्यों न हो, अंतत: जीत सत्य की ही होती है. इसके एक दिन पहले छह अक्तूबर को सरयू राय ने सुशील मोदी को पत्र लिख कहा था कि इस तरह के मामलों से असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है. उन्होंने जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का बचाव करते हुए कहा था कि जब उनके नीतीश कुमार से संबंध ठीक नहीं थे, उन दिनों भी वह चारा घोटाले के मामले में आरोपितों के खिलाफ रांची और सुप्रीम कोर्ट तक मोरचाबंदी में लगे रहे.
तीन दिन पहले सुशील कुमार मोदी ने संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चारा घोटाले के आरोपितों से पैसे लेने का आरोप लगाया था. इस पर सरयू राय ने आरोप को बनावटी करार दिया था. मंगलवार को भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने सरयू राय पर नीतीश कुमार का भोंपू होने का आरोप लगाया. साथ ही उन पर राज्यसभा में जाने के लोभ में नीतीश कुमार का साथ देने का आरोप मढ़ा. इसके जवाब में श्री राय ने छह व आठ अक्तूबर को सुशील मोदी के नाम लिखे पत्र को सार्वजनिक कर दिया.