पटना: एसएसपी कार्यालय में सीसीटीएनएस ने प्रशिक्षण केंद्र बनाया है, जिसमें हर दिन दो बैच में जिले के 20-20 पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान दिया जा रहा है. पुलिसकर्मियों को कंप्यूटर में डाटा संग्रह की जानकारी दी जा रही है, ताकि वे संगठित अपराध व साइबर क्राइम के मामले को सुलझाने में सक्षम हो सके. इसके लिए थानों व अधिकारियों के कार्यालयों को कंप्यूटराइज्ड करने की प्रक्रिया चल रही है. प्रशासन की मंशा जिला पुलिस बल में ही साइबर क्राइम एक्सपर्ट को तैयार करने की है. फिलहाल, साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को साइबर क्राइम सेल में भेजा जाता है.
महिला थाना भी सीसीटीएनएस से जुड़ा : गांधी मैदान स्थित महिला थाने को हाइटेक करने की कवायद करते हुए सीसीटीएनएस से जोड़ दिया गया है. अब यह थाना भी देश के हजारों थानों के नेटवर्क से सीधे जुड़ गया है.
क्या है प्रोजेक्ट
सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) को वर्ष 2009 में भारत सरकार ने मंजूरी दी थी. इसके लिए दो हजार करोड़ रुपये जारी किये थे. इसके तहत देश भर के 14 हजार थानों व 21 हजार स्थानों को नेटवर्किग के माध्यम से एक -दूसरे से जोड़ना है. बिहार में भी यह प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है. एक सौ से अधिक थानों व पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों को जोड़ने का काम हो चुका है. अन्य स्थानों पर काम अभी जारी है. इसी के तहत महिला थाना को भी जोड़ दिया गया.
क्या होगा फायदा
– देश भर के अपराधियों की सूची, फोटोग्राफ, फिंगर प्रिंट बस एक क्लिक से देखा जा सकेगा
– पुलिस की कार्यशैली और क्षमता में बढ़ोतरी होगी
– आपराधिक मामलों की जांच को गति मिलेगी