पटना: आम तौर पर टैबलेट मिलने से लोगों की परेशानी दूर हो जाती है. लेकिन, ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताओं के लिए टेबलेट ही परेशानी का सबब बन गयी है. राजधानी से सटे ग्रामीण कार्य विभाग के एक कार्य प्रमंडल में सहायक अभियंता हैं. 50 वर्ष से अधिक उम्र हो चुकी है. कुछ साल पहले बच्चों की सहायता से मोबाइल फोन का उपयोग करना सीखा.
अब वे फिर उनकी शरण में है. विभाग ने एक अगस्त को पीसी टैबलेट दिया है. सभी विभागीय कार्य इसी से करना है. आदेश पर अमल करने में पसीना छूट रहा है. ऐसी परिस्थिति से विभाग के दर्जनों अभियंता जूझ रहे हैं. सेवा में लंबे समय से कार्यरत अभियंताओं को पेपर पर काम करने की आदत-सी पड़ चुकी है. फील्ड में गये और पेपर पर उतार दिया. नयी तकनीक से सामंजस्य बिठाने में उन्हें परेशानी हो रही है. विभागीय डांट से बचने के लिए कुछेक अभियंताओं ने तो अपने बेटे-बेटियों से ही काम करना शुरू कर दिया है. लेकिन, इन्हें मुश्किल तब आती है जब बैठक में आलाधिकारी कुछ फाइल देख कर बताने के लिए कह देते हैं.
फोटो खींचते हैं, तो वह अपलोड नहीं होता. अपलोड कर लिया, तो उसे भेज नहीं पाते. कोई फाइल खोलनी चाही, तो वह पकड़ में नहीं आती. कभी-कभार तो फाइल डिलिट भी हो जाती है. ऐसे में साख बचाने के लिए कहते हैं, नयी तकनीक है, थोड़ी परेशानी आ रही है. मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार विभागीय कार्य अब भी पूरी तरह पीसी टैबलेट से नहीं शुरू हो सका है. बमुश्किल 50 फीसदी ही अभियंता इस नयी तकनीक से फ्रैंडली हो सके हैं.