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मगध एक्सप्रेस के एसी बोगी में लगी आग

बक्सर/चौसा : कर्मनाशा नदी व चौसा गेट संख्या 78 ए के बीच सोमवार को दिन के करीब 11 बज कर 23 मिनट पर 12402 डाउन मगध एक्सप्रेस के एसी कोच में आग लग गयी. ट्रेन के एसी कोच संख्या एच-1 के डिब्बा संख्या 10002 आग की लपटों के बीच जल कर नष्ट हो गयी. ट्रेन […]

बक्सर/चौसा : कर्मनाशा नदी व चौसा गेट संख्या 78 ए के बीच सोमवार को दिन के करीब 11 बज कर 23 मिनट पर 12402 डाउन मगध एक्सप्रेस के एसी कोच में आग लग गयी. ट्रेन के एसी कोच संख्या एच-1 के डिब्बा संख्या 10002 आग की लपटों के बीच जल कर नष्ट हो गयी. ट्रेन में सवार यात्रियों के हजारों रुपये मूल्य के सामान भी आग में जल कर राख हो गये. ट्रेन में आग लगने की खबर फैलते ही लोगों के बीच अफरा-तफरी की स्थिति मच गयी. अफरा-तफरी के बीच ट्रेन उतरने के क्रम में दो यात्री जख्मी हो गये, जबकि बोगी काटने के दौरान कपलिंग टूटने से एक गेटमैन भी गंभीर रूप से जख्मी हो गया. चौसा स्टेशन पर धू-धू कर जल रही एसी बोगी की आग पर करीब सवा घंटे मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेडकर्मियों ने काबू पाया. घायलों का इलाज स्थानीय स्तर पर चल रहा है.

अगलगी के दौरान हुई भगदड़ में ट्रेन से उतरने के क्रम में भागलपुर के महावीर ठाकुर की पुत्री सोनम कुमारी (10 वर्ष) जख्मी हो गयी. सोनम नयी दिल्ली से पटना जा रही थी. इसी क्रम में उत्तरप्रदेश के दिलदार नगर निवासी शिव मूरत खरवार के पुत्र दीपक खरवार भी भगदड़ के दौरान ट्रेन से उतरने के क्रम में जख्मी हो गये. जख्मी दीपक दिलदार नगर से मगध में सवार होकर पटना जा रहा था. रेल सूत्रों ने बताया कि चौसा रेलवे स्टेशन पर धू-धू कर जल रही एसी बोगी को काटने के क्रम में बोगी का क पलिंग टूट जाने के कारण गेट मैन राम स्वरूप प्रसाद सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जख्मी का इलाज स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है. वैसे रेल प्रशासन इसके पीछे शॉर्ट-सर्किट का कारण मान रही है. मगध में अगलगी की घटना के बाद अप व डाउन लाइन पर परिचालन लगभग साढ़े तीन घंटे तक बाधित रहा.

घटना की सूचना पर डीआरएम एनके गुप्ता व बक्सर एसपी बाबूराम मौके पर पहुंचे और स्थिति का आकलन किया. ट्रेन में आग कैसे लगी व कितने की क्षति हुई है इसका आंकलन डीआरएम के साथ रेलवे की तकनीकी टीम कर रही है. अब तक रेलवे की ओर से इस संबंध में कोई ठोस सूचना नहीं दी गयी है. यात्रियों ने बताया कि गहमर स्टेशन से मगध एक्सप्रेस 11 बज कर 15 मिनट पर रवाना हुई. महज आठ मिनट के बाद ही ट्रेन के एसी बोगी से तेज धुआं निकलने लगा. 11 बज कर 23 मिनट पर ट्रेन का ड्राइवर टी. नाथ ने एसी बोगी से धुआं निकलते देख ट्रेन को कर्मनाशा नदी व चौसा गेट के बीच रोक दिया. ट्रेन में आग की खबर फैलते ही यात्रियों के बीच भगदड़ मच गयी. यात्री ट्रेन से उतर कर इधर-उधर जान बचा कर भागने लगे, तब तक बोगी से आग की लपटें उठने लगी. एसी बोगी में सवार लोग अपने सामान की चिंता छोड़ जान बचा कर बाहर कूदने लगे. कुछ साहसी युवकों ने एसी बोगी का धुआं निकालने के लिए खिड़की के शीशे भी फोड़े, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. इस दौरान चालक व गार्ड ने एसी बोगी सहित पांच डिब्बों को काट कर अलग किया और उसे खींच कर चौसा स्टेशन लाया गया, जहां स्टेशन पर खड़े ग्रामीणों व यात्रियों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की गयी, लेकिन आग की लपटें तेज होती जा रही थी. फायर ब्रिगेड के पहुंचते-पहुंचते आग विकराल रूप ले चुका था. फायर ब्रिगेडकर्मियों को आग पर काबू पाने में करीब सवा घंटे कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.

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