पटना: सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च के प्रेसिडेंट और चर्चित शिक्षाविद प्रताप भानु मेहता ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में गवर्नेस सबसे बड़ा मुद्दा होगा. जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर स्मृति व्याख्यान के सिलसिले में पटना आये मेहता ने एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को प्रोपेगेंडा मशीन बताया, जबकि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को एनजीओ लायक करार दिया.
राजनीतिक मसलों पर बेबाक बातचीत में मेहता ने कहा कि नरेंद्र मोदी कठोर हैं, पर संवेदनशील नहीं दिखते. जबकि, राहुल सज्जन हैं और संवेदनशील भी, पर राजनीति के लायक नहीं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में उनकी राय है कि कुछ नेता ऐसे हैं, जिन्होंने अपना व्यक्तिगत जनाधार बनाया है, जिनमें वह शामिल हैं. इन नेताओं की श्रेणी में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और दक्षिण में जयललिता के नाम लिये. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को भाजपा से अलग होने का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
मेहता प्रधानमंत्री नेशनल नॉलेज कमीशन के कन्वेनर सदस्य रहे. वह लिंग्दोह कमेटी के भी सदस्य रहे हैं. वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम काउंसिल के वाइस चेयरमैन हैं. उनकी राय में तीसरे मोरचे की संभावनाएं अभी दिखती हैं. पर, इसका स्वरूप चुनाव बाद ही दिख पायेगा.
मोदी पीएम बने, तो देश छोड़ दूंगा : अनंतमूर्ति
बेंगलुरु: नरेंद्र मोदी के भाजपा के पीएम प्रत्याशी बनने के बाद देश के सबसे बड़े साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित एक वरिष्ठ साहित्यकार ने दक्षिण भारत में उनके खिलाफ विरोध का झंडा उठा लिया है.
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात कन्नड़ लेखक डॉ यूआर अनंतमूर्ति ने दुबारा कहा कि अगर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तो वह देश छोड़ कर चले जायेंगे. उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह अपने इस बयान पर कायम हैं कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो वह देश में नहीं रहना चाहेंगे. उन्होंने हाल में ही एक समारोह में कहा था कि वह ऐसे देश में
नहीं रहना चाहते, जहां मोदी प्रधानमंत्री हों. उनके इस बयान के बाद से ही बीजेपी और मोदी के समर्थकों ने उनके खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी. हालांकि, लगातार हमलों के बीच अनंतमूर्ति ने कहा है कि वे अपने बयान पर कायम हैं. अनंतमूर्ति का मानना है कि मोदी जैसे व्यक्ति के प्रधानमंत्री बनने पर देश में भय की भावना फैलेगी.
अनंतमूर्ति के इस बयान से नाराज बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रि या देते हुए कहा है कि अनंतमूर्ति देश छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं. इस बीच मोदी समर्थकों ने उनके खिलाफ एक फेसबुक कैंपेन भी शुरू कर दी है. दूसरी ओर, कई बुद्धिजीवी और लेखकों ने अनंतमूर्ति के खिलाफ हमलों को गलत बताते हुए कहा है कि अनंतमूर्ति अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं.
इस बीच, अनंतमूर्ति गुरु वार को अपने बयान पर अड़े रहे और कहा कि यदि गुजरात के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बने, तो लोगों में भय का संचार होगा. बीजेपी और मोदी समर्थकों की ओर से उन पर किये जा रहे हमलों के बीच अनंतमूर्ति ने कहा, मोदी देश में डर का संचार करेंगे और यदि पीएम के पद पर कोई भयावह व्यक्ति बैठा हो, तो लोग उसके सामने झुक जायेंगे, क्योंकि धौंस से लोग डर जाते हैं.
अनंतमूर्ति कन्नड़ के सबसे बड़े लेखकों और आलोचकों में से हैं. उन्हें नव्या मूवमेंट की शुरु आत करने वालों में से एक माना जाता है. देश में साहित्य के सबसे बड़ा पुरस्कार ज्ञानपीठ से सम्मानित हो चुके अनंतमूर्ति देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी नवाजे जा चुके हैं. अनंतमूर्ति लंबे समय से बीजेपी और आरएसएस का विरोध करते रहे हैं. देश के साहित्यकारों में से एक होने के अलावा वह राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं. वह एक बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन हार गये थे.