उधर सीमा पर पाक गोलीबारी कर रहा है, तो इधर उसका आइएसआइ जाली नोट फैलाने में लगा है. पांच साल में लगभग 25 करोड़ के जाली नोट बिहार लाये गये. 356 तस्कर गिरफ्तार हो चुके हैं. धंधे से आतंकी टुंडा के संबंध होने की भी आशंका है. उसके कथित लिंकमैन मो अलाउद्दीन को जाली नोटों के साथ बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में गिरफ्तार किया गया है
पटना: लगभग पांच करोड़ रुपये मूल्य के जाली भारतीय नोट हर साल बांग्लादेश से मालदा हो कर बिहार पहुंच रहे है. पिछले पांच वर्षो में एक करोड़ 21 लाख रुपये मूल्य केजाली नोट बरामद किये गये हैं, इसके साथ ही 356 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. वर्ष 2013 में अब तक 25 लाख 40 हजार 440 रुपये मूल्य के जाली नोट बरामद किये गये हैं, वहीं 26 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. बिहार में पहुंच रहे जाली नोटों में ज्यादातर हजार व पांच सौ रुपये के हैं.
राज्य पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारियों का मानना है कि जितने जाली नोट पकड़े जा रहे है, उसका पांच गुना कारोबार बिहार के रास्ते से हो रहा है. दूसरी ओर, भारत नेपाल सीमा क्षेत्र से गिरफ्तार किये गये आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने बिहार सहित देश भर में जाली भारतीय करेंसी की हो रही खपत को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं. एनआइए सूत्रों के अनुसार टुंडा ने माना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने लश्कर- ए- तैयबा के सहयोग से भारत में जाली करेंसी की खपत बढ़ायी है. इस काम में पंजाब मूल के लोग प्रारंभिक सहयोग कर रहे हैं.
इसके साथ ही नेपाल सीमा से जाली भारतीय करेंसी को भारत में पहुंचाया जा रहा है. एडीजी (मुख्यालय) रवींद्र कुमार के अनुसार, बांग्लादेश के रास्ते प बंगाल में जाली भारतीय करेंसी पहुंचती है. इसके बाद इसे बिहार में भेजा जाता है. हाल के पुलिस ऑपरेशनों में गिरफ्तार किये गये तस्करों से हुई पूछताछ में इसकी पुष्टि हुई है. पुलिस सूत्रों की मानें, तो आतंकी टुंडा द्वारा जाली नोटों के दम पर बोधगया में बम ब्लास्ट को अंजाम दिये जाने की भी जांच की जा रही है. टुंडा अधिक पैसा देने का लालच दिखा कर युवकों को आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए प्रेरित करता रहा है. आर्थिक अपराध के मामलों की जांच की जिम्मेवारी इओयू को दी गयी है.
-तस्करी में महिलाओं व मजदूरों का इस्तेमाल
बिहार पुलिस मालदा व प बंगाल की ओर से आ रहे जाली नोट के कंसाइनमेंट को अकेले दम पर रोक पाने में विफल साबित हो रही है. इस कारोबार में नोटों के कंसाइनमेंट लेकर चलने वालों में महिलाओं व राज्यों से पलायन कर जाने वाले मजदूरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जहां सूचनाएं मिल रही हैं, वहां ट्रैप कर लिया जा रहा है, लेकिन अधिकतर कंसाइनमेंट पुलिस को सूचना मिले बगैर आगे फारवर्ड हो जा रहे हैं. उत्तर बिहार में तो जाली नोट के कारोबारियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि फारबिसगंज, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया सहित आस-पास के इलाकों के चट्टी- बाजारों में जाली नोट पहुंच चुके हैं. सीबीआइ के आलाधिकारी भी मानते है कि उत्तर-पूर्वी बिहार के कोसी क्षेत्र में स्थित बैंकों में भी जाली नोट पहुंच चुके हैं. जाली नोट के कंसानइमेंट को पकड़ने में डीआरआइ भी लगी हुई है. उत्तर बिहार में सीबीआइ, डीआरआइ व बिहार पुलिस की कार्रवाई के बाद जाली नोट के तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है.