-अनुज-
खगडिया: बिहार के खगडिया जिले में आज सुबह कात्यायनी मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने जा रहे कांवडियों और श्रद्धालुओं के एक जत्थे के तेज गति से आ रही सहरसा पटना राज्यरानी ट्रेन की चपेट में आ जाने से 13 महिलाओं और चार बच्चों सहित 37 व्यक्तियों की मौत हो गयी तथा 24 अन्य घायल हो गये. घटना के बाद क्रुद्ध भीड ने ट्रेन चालकों पर हमला कर दिया और एक डिब्बे में आग लगा दी. भीड ने रेलवे स्टेशन पर भी जमकर तोड फोड की. देखें तसवीरें…
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बताया कि श्रद्धालु धमाराघाट स्टेशन पर समस्तीपरु सहरसा पैसेन्जर ट्रेन से उतरने के बाद रेल पटरी के किनारे किनारे चल रहे थे तभी 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से सहरसा पटना राज्यरानी ट्रेन आ गयी जिसकी चपेट में श्रद्धालु आ गये. अधिकांश श्रद्धालु खगडिया, मुंगेर और नौगछिया के थे. घटना के बाद क्रुद्ध लोगों की भीड ने ट्रेन चालकपर हमला कर दियाऔर ट्रेन के वातानुकूलित डिब्बे तथा एक अन्य ट्रेन के इंजन में आग लगा दी. उन लोगों ने स्टेशन पर भी तोडफोड की और कुछ कर्मचारियों को बंधक बना लिया. इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील कीहै. रेलवे बोर्ड के चैयरमेन अरुनेंद्र कुमार ने बताया कि धमारा घाट में ट्रेन का ठहराव नहीं था और उसे आगे जाना था, लेकिन तीर्थयात्रियों को लगा कि पटरी पर उनके होने से ट्रेन रुक जायेगी.
चूंकि यहां आने-जाने के लिए और कोई दूसरा रास्ता नहीं है इसलिए लोग रेलवे ट्रैक का ही इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई. गौतलब है कि यहां मां कात्यायनी का प्रसिद्ध मंदिर है, जहां प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को पूजा-अर्चना के श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है. आज सोमवार होने के कारण यहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. इस दुर्घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए रेलराज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह दुर्घटना स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से हुई है. रेलवे ट्रैक पार करने में पूरी सावधानी नहीं बरते जाने के कारण यह दुर्घटना हुई.
अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) एस के भारद्वाज ने बताया कि इस दुर्घटना में 37 लोगों के मरने की सूचना है. भारद्वाज ने बताया कि राजकीय रेल पुलिस और रेलवे अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं तथा राहत और बचाव कार्य जारी है. पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल अंतर्गत खगड़िया और सहरसा रेलखंड पर हुई इस घटना से आक्रोशित लोगों ने समस्तीपुर-सहरसा सवारी ट्रेन के इंजन और राज्यरानी इंटर सिटी एक्सप्रेस ट्रेन की एसी बोगी में आग लगा दी.
बचाव कार्य में जुटे ग्रामीण
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धमारा रेलवे स्टेशन के समीप हुए राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन हादसे पर गहरी चिंता एवं दुख व्यक्त किया है. उन्होंने इस घटना में मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. इस दुर्घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने पूर्व-मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक से दूरभाष पर संपर्क कर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्य में तेजी लाये जाये ताकि इस दुर्घटना में कम से कम लोगों को नुकसान हो पाये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुर्घटना में मारे गये लोगों के आश्रितों के लिए दो-दो लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है.पूर्व-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने मुख्यमंत्री को बताया कि बेगूसराय जिला के बरौनी रेलवे स्टेशन से सभी आवश्यक राहत एवं बचाव कार्य सामग्री के साथ एक राहत ट्रेन घटनास्थल के लिये भेजी जा चुकी है और वहां तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाये जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने खगड़िया और जिला सहरसा के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में रेल प्रशासन का सहयोग करे. प्राप्त सूचना के अनुसार खगड़िया एवं सहरसा जिला प्रशासन के लोग घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में लग गये हैं.
आज खगडि़या में जो दुर्घटना हुई उसके लिए यहां की व्यवस्था जिम्मेदार है. रेलवे पुल को लोग आने-जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, पुल की स्थिति भी अत्यंत जर्जर है. देखिए पुल की जर्जर स्थिति और वह मंदिर जहां जाने के लिए जमा हुए थे श्रद्धालु:-
खगड़िया जिला बिहार का काफी पिछड़ा इलाका है जहां आवागमन की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है जिसके कारण लोग आने जाने के लिए रेलवे पुलों का इस्तेमाल करते हैं. प्रभात खबर के पंचायतनामा ने यहां की स्थिति और उससे उत्पन्न खतरे के बारे में पहले ही आगाह किया था. पढ़े इससे संबंधित खबर
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