पटना: लातेहार में सीआरपीएफ जवानों की हत्या करने के आरोपित नक्सली इंद्रजीत यादव को शनिवार को झारखंड पुलिस लातेहार ले गयी. इसके पहले उसे कोर्ट में पेश किया गया. मुठभेड़ में घायल होने के बाद पत्रकार नगर के ईश्वर दयाल अस्पताल में इलाज करा रहे इंद्रजीत को 19 जून को पटना पुलिस ने पकड़ा था. पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि इंद्रजीत पटना आने के बाद मसौढ़ी में भी रहा और उसने वहां के स्थानीय चिकित्सक डॉ अरविंद से इलाज भी कराया. इसके बाद वह ईश्वर दयाल अस्पताल में एडमिट हुआ. चिकित्सक दीघा में भी प्रैक्टिस करते थे, लेकिन इंद्रजीत के पकड़े जाने के बाद से फरार हैं.
इंद्रजीत के पकड़े जाने के बाद 20 जून को इंद्रजीत के अन्य सहयोगी उमेश, संतोष, भवानी उर्फ मुन्ना व अरुण सिंह से भी पुलिस को अहम जानकारी मिली. इनके पास से लेवी में वसूली गयी राशि 32 हजार, नक्सली साहित्य व मोबाइल फोन बरामद किये गये थे.
सभी जहानाबाद जेल ब्रेक की घटना को अंजाम देने के साथ ही बेऊर, जमुई व अन्य जेलों को उड़ाने की साजिश में भी थे. सभी माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी के सदस्य देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद सिंह उर्फ मास्टर साहब के साथ भी काम करते थे. जहानाबाद जेल ब्रेक का नेतृत्व देव कुमार सिंह ने ही किया था. जेल से अपने साथी अजय कान्हू को छुड़ा कर ले गये थे. गिरफ्तार संतोष पहले भी जेल जा चुका है.