झाझा/अरवल : जमुई व अरवल जिलों में बुधवार को मिड डे मील खाने से 180 बच्चे बीमार हो गये. डॉक्टरों ने उनकी हालत खतरे से बाहर बताया है. जमुई जिले के झाझा प्रखंड के उत्क्र मित मध्य विद्यालय, कलजुगहा में मिड डे मील खाने के बाद लगभग 57 बच्चे बीमार हो गये. उन्हें आनन –फानन में ग्रामीणों के सहयोग से झाझा रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया. विद्यालय के प्रभारी शिवेश कुमार ने बताया कि लगभग 11:30 बजे स्वयं सेवी संस्था ने मिड डे मील पहुंचाया. हमलोगों ने खाना ढक कर रख दिया. सभी शिक्षकों ने थोड़ा –थोड़ा खाना खाया.
हमलोगों को कुछ नहीं हुआ. उक्त विद्यालय की रसोइया गिरीजा देवी ने बतायी कि मैंने भी भोजन खाया. एक घंटे तक जब मुझे कुछ नहीं हुआ, तब बच्चों को खाना परोसा गया. खाना खाने के लगभग दो घंटे के बाद कई छात्र –छात्राओं ने पेट व सिर में दर्द व उल्टी की शिकायत की और देखते–ही–देखते लगभग दो दर्जन बच्चे उल्टी करने लगे.
इसकी खबर गांव में आग की तरह फैल गयी और आनन–फानन में सभी बच्चों को निजी वाहन से झाझा रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया. मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामस्वरूप चौधरी ने बताया कि सभी छात्र –छात्राओं की स्थिति खतरे से बाहर है. अरवल जिले के वंशी प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय, चमंडी में बुधवार को मिड डे मील खाने के बाद 123 बच्चे बीमार हो गये. उन्हें कुर्था प्राथमिक अस्पताल में भरती कराया गया.
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार ने बताया कि विद्यालय में कुल 275 नामांकित बच्चे हैं. इनमें से बुधवार को 200 बच्च मौजूद थे. मेनू के अनुसार, करीब 195 बच्चों को दोपहर एक बजे खिचड़ी–हरी सब्जी युक्त चोखा परोसा गया. भोजन खाने के एक घंटे के बाद पंचम वर्ग की छात्र सिमंती कुमारी ने बताया कि मुझे चक्कर आ रहा है. इसके बाद एक के बाद एक बच्चे को चक्कर और उलटी आने लगी.
प्रधानाध्यापक ने तुरंत इसकी सूचना पदाधिकारियों को दी. सूचना के दो घंटे के बाद एंबुलेंस स्कूल में पहुंचा. डीएम संजय कुमार सिंह, डीपीओ परशुराम सिंह, एसडीओ, थाना प्रभारी समेत कई पदाधिकारी उक्त विद्यालय में पहुंचे. बच्चों का आरोप था कि स्कूल में दो तरह की खिचड़ी बनायी गयी थी.
दूसरी बार की खिचड़ी में कुछ समस्याएं थीं. सीओ विजेंद्र कुमार ने खिचड़ी का नमूना अपने साथ ले गये. वहीं डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि यह मामला फूड प्वाइजनिंग का बताया जाता है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी. वहीं, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि फिलहाल बच्चे खतरे से बाहर बताये जाते हैं.