भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निरीक्षण के दौरान हर बार शिक्षकों सहित अन्य चीजों पर सवाल उठते रहे हैं. काउंसिल के अनुसार शिक्षकों एवं अन्य कमियों को लेकर कॉलेज की मान्यता भी समाप्त करने की कई बार बात हो चुकी थी.
हालांकि प्राचार्य व स्वास्थ्य विभाग द्वारा कमियों को उस वक्त दुरुस्त कर दिया जाता है. नतीजतन मान्यता की समस्या तो उस वक्त समाप्त हो जाती है पर कॉलेज के कई विभागों में शिक्षकों की कमी बरकरार रह जाती है. अब जब सौ सीट करने की बात चल रही है तो विभाग कैसे इसमें सफल होगा इस पर सभी शिक्षकों की नजर है.
एमसीआइ ने एक निर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि जो भी मेडिकल कॉलेज दस साल से अधिक समय से हैं वे 50 सीट और बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. ऐसे में जेएलएनएमसीएच 1970 से ही चल रहा है पर पूर्णत: मान्यता 1988 में कॉलेज को दिया गया है. इसके पूर्व तात्कालिक तौर पर काम होता था.
इस लिहाज से यह कॉलेज अपने 50 सीट बढ़ाने की सूची में आता है. अगर ऐसा हो गया तो राज्य में 410 सीट मेडिकल के छात्रों के लिए बढ़ जायेगी. जबकि इसके पूर्व भागलपुर, मुजफ्फरपुर व गया में 50-50 सीट एवं पीएमसीएच में 100, दरभंगा में 90 एवं नालंदा में 100 सीटों पर छात्रों का नामांकन लिया जाता था. इस हिसाब से कुल 390 छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई हर साल करायी जाती थी अब यह एमसीआइ अगर मान्यता दे देगी तो 800 हो जायेगी.
इसे लेकर शनिवार को पटना में राज्य के मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यो के साथ मुख्य सचिव ने बैठक कर जानकारी ली. प्राचार्य डॉ अर्जुन कुमार सिंह ने बताया कि एमसीआइ को आवेदन के साथ साढ़े तीन लाख रुपये की राशि जमा की जायेगी. मानक के आधार पर अगर सीट बढ़ाना होगा तो मान्यता मिल जायेगी. बाद में निरीक्षण किया जायेगा.