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बिहार को मिलेगी 4000 मेगावाट क्षमतावाली ‘अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट’ : पीयूष गोयल

पटना/ मुजफ्फरपुर. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बाढ़ स्थित एनटीपीसी का यूनिट और मुजफ्फरपुर के कांटी विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की 110 मेगावाट की यूनिट का उद्घाटन किया. इस मौके पर गोयल ने कहा कि अब पूरे बिहार को सातों दिन 24 घंटे बिजली मिलेगी. राज्य स्वावलंबी होगा. बाढ़ एनटीपीसी के लिए शीघ्र कोयला […]

पटना/ मुजफ्फरपुर. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बाढ़ स्थित एनटीपीसी का यूनिट और मुजफ्फरपुर के कांटी विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की 110 मेगावाट की यूनिट का उद्घाटन किया. इस मौके पर गोयल ने कहा कि अब पूरे बिहार को सातों दिन 24 घंटे बिजली मिलेगी. राज्य स्वावलंबी होगा. बाढ़ एनटीपीसी के लिए शीघ्र कोयला खदान उपलब्ध करायेंगे. खदानों की नीलामी होगी. बिहार-झारखंड के खान की नीलामी से मिले पैसे इन्हीं दोनों राज्यों में खर्च होंगे. कांटी में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की मांग पर गोयल ने 4000 मेगावाट क्षमतावाली ‘अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट’ देने की घोषणा की.

कहा, दिल्ली पहुंचते ही इस पर काम शुरू कर देंगे. अब बारी थी सूबे के सीएम की. सीएम जीतन राम मांझी भी दो कदम आगे बढ ़कर बोल दिया. हम इस पावर प्रोजेक्ट के लिए जितनी जल्दी हो जमीन देंगे. अल्ट्रा मेगा पावार प्लांट के यूनिट लगायेंगे. इसके लिए बिहार को पानी और जमीन का आवंटन करना होगा. कहा कि राज्य सरकार के साथ मिल कर बिजली समस्या का वह समाधान करेंगे. तीन चार महीने में बाढ़ में छोटे मोटे काम पूरा कर लिये जायेंगे. एनटीपीसी ने बेगूसराय में आइटीआइ को गोद लिया है. उन्होंने वर्ष 2005 में आरंभ किये गये पहले फेज के निर्माण को भी शीघ्र पूरा करने का भरोसा दिलाया.

गोयल ने बताया कि फेज एक के काम को मौजूदा कंपनी यदि जल्द निर्माण कार्य पूरा नहीं किया तो उसके टेंडर को रद्द कर देंगे. निर्माण की जिम्मेवारी भेल को सौंप देंगे. उन्होंने बाढ़ के आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में बसे गांवों को सस्ती बिजली देने का वादा किया. राज्य सरकार से गांवों में तार बिछाने का अनुरोध किया, तो सीएम ने ढाई माह में इसे पूरा करने का आश्वासन दिया. कर लेगी. गोयल ने कहा कि विकास के लिए बिहार की सरकार यदि एक कदम आगे बढ़ेगी तो केंद्र की सरकार तीन कदम आगे बढ़कर काम करेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी इलाके में बिजली की कमी नहीं होने दी जायेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में 125 करोड़ लोगों को 24 घंटे बिजली दी जायेगी. खेतों को अलग से बिजली दी जायेगी. इसके लिए दीन दयाल उपाध्याय फीडर की व्यवस्था की जा रही है.

हमनें नींव रखीं और हमें ही नहीं बुलाया : नीतीश कुमार

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी संपर्क यात्र के तीसरे दिन छपरा और हाजीपुर में कहा कि जिसकी पहल पर एनटीपीसी बाढ़ की बुनियाद रखी गयी, जिसने सोते-जागते बिहार को रोशन करने का सपना देखा व कसम खायी कि वर्ष 2015 तक राज्य में बिजली की स्थिति नहीं सुधरी तो, वोट नहीं मांगेगे, उसे खुशी के इस मौके पर शरीक होने के लिए एक निमंत्रण भी नहीं भेजा गया. यह कैसी परिपाटी है. कहा केंद्र की वादाखिलाफी पर संघर्ष जारी रहेगा.

थर्मल पावर के उद्घाटन में नीतीश को न बुलाये जाने पर बिफरा जदयू, कहा साजिश का जल्द जवाब देगी बिहार की जनता

पटना: बिहार की विभिन्न बिजली परियोजनाओं के उद्घाटन में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आमंत्रित नहीं किये जाने पर जदयू नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है. बिहार राज्य नागरिक परिषद के वरीय उपाध्यक्ष भोला प्रसाद सिंह व महासचिव अरविंद कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह ने कहा कि इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को तो आमंत्रित किया गया, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं बुलाया गया. इन दोनों बिजली परियोजनाओं को शुरू कराने में नीतीश कुमार ने ही अहम भूमिका निभायी है. इन कार्यक्रमों के विज्ञापन में न तो कहीं नीतीश कुमार की तसवीर दिखी और न ही उनके प्रयासों का कोई जिक्र तक किया गया. दोनों नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की इस साजिश का बिहार की जनता जल्द ही परदाफाश करेगी.

उधर, बिहार राज्य खाद्य आयोग के सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं बुलाया जाना आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार बिहार के सबसे बड़े नेता हैं. उनके विरुद्ध किसी भी साजिश को बिहार की जनता बरदाश्त नहीं करेगी.

बाढ़ एनटीपीसी व कांटी थर्मल नीतीश की मेहनत का परिणाम

पटना. प्रदेश जदयू ने कहा कि बाढ़ में एनटीपीसी के यूनिट और कांटी थर्मल पावर के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की थी. पार्टी प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि इन्हें शुरू कराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेहनत काम आयी. इसके लिए उन्होंने दिन-रात एक कर मेहनत की थी. लेकिन, इन दोनों प्रोजेक्टों के शुरू होने में भाजपा ने गंदा खेल खेला है. इसके लिए विज्ञापन जब अखबारों में दिया गया, तो उनमें स्थानीय सांसद और विधायक का नाम नहीं है. उनका कसूर सिर्फ यही है एक पिछड़ी या किसी दूसरी खास जाति के हैं.

इन दोनों से भाजपा के नेता नफरत करते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार को बिजली उत्पादन के लिए कोल लिंकेज की जरूरत है, लेकिन केंद्र सरकार पर्याप्त रूप से नहीं दे रही है. केंद्रीय परियोजनाओं से बिहार को शुरू से ही कम बिजली मिलती रही है.

किसने क्या कहा

भारत के विकास के लिए पूर्वी राज्यों को आगे बढ़ना होगा. फिलहाल इसमें भाजपा की कहीं सरकार नहीं है. बिहार को बिजली मिलेगी, तो विकास होगा. नरेंद्र मोदी की पहल पर साढ़े छह करोड़ लोगों का बैंक खाता खुल गया है. पेंशन के लिए नयी व्यवस्था के साथ ही आइटी के क्षेत्र में बिहार के छोटे-छोटे शहरों में आइटी पार्क बनाने की सरकार पहल कर रही है. मोदी के साढ़े पांच माह के कार्यकाल में देश में तेजी से उद्योग बढ़ रहा है. इससे दो करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा.

रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय दूरसंचार मंत्री

मुख्यमंत्री को जितना मांगना है, नरेंद्र मोदी की सरकार से मांग लीजिए. मोदी की सरकार सब देगी. बिहार में अपना उत्पादन 250 मेगावाट है. बिहार को 2900 मेगावाट में 2200 मेगावाट बिजली दिल्ली की सरकार दे रही है. दिल्ली में एनडीए की सरकार होती, तो बिहार को बिजली मिलने में इतनी देर नहीं लगती. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी में गरीब किसान का जमीन गयी है, तो उन्हें मुआवजा मिलेगा.

राजीव प्रताप रूडी

कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

बिहार के विकास में बिजली काम आयेगी. अटल जी ने शिलान्यास किया था. संयोग ही है कि नरेंद्र मोदी की सरकार में इसका उद्घाटन हो रहा है. बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा या विशेष मदद की आवश्यकता है. इसके लिए नरेंद्र मोदी प्रतिबद्ध हैं. बिहार के विकास के लिए बिहार के मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग का काम सौंपा गया है. आनेवाले साल में देश में चार करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा. इसमें बिहार के लोगों को अधिक लाभ मिलेगा.

धर्मेद्र प्रधान, पेट्रोलियम मंत्री

देश में अटल जी की सरकार बनी, तो देश के अंदर सुपर क्रिटिकल यूनिट बनाने की योजना बनी. दुर्भाग्य था कि सरकार चली गयी. बिहार में अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट की योजना में तीन हजार मेगावाट बिजली मिलेगी. इसे पीयूष गोयल पूरा करेंगे.

राधामोहन सिंह,केंद्रीय कृषि मंत्री

बिहार और केंद्र में एक सरकार होने के समय ही बिहार को हक और हकूक मिला है. एनटीपीसी में दिये जमीन की मुआवजा का फिर से अवलोकन होना चाहिए. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार रहेगी तो बिहार में बिजली की कोई समस्या नही होगी.

गिरिराज सिंह,केंद्रीय राज्यमंत्री

बिजली की कमी के कारण खेतों से हरियाली खत्म हो रही है. उद्योग धंधा पनप नहीं रहा है. केंद के प्रयास से हर हाथ को काम और हर खेत को पानी मिलेगा. छह माह में बिहार को नरेंद्र मोदी ने जो दिया है, वह तो अभी झांकी है, पूरी फिल्म बाकी है.

रामकृपाल यादव, केंद्रीय राज्यमंत्री

पांच किमी के गांवों को मिलेगी सस्ती बिजली : गोयल

पटना/मुजफ्फरपुर: बाढ़ स्थित एनटीपीसी के थर्मल पावर के यूनिट का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पांच किलोमीटर के दायरे में आनेवाले गांवों को सस्ती बिजली मिलेगी. उन्होंने इन गांवों में बिजली का तार बिछाने का अनुरोध किया, तो समारोह में मौजूद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्य सरकार ढाई माह के अंदर इस कार्य को पूरा कर लेगी. गोयल ने कहा कि बाढ़ थर्मल पावर यूनिट संख्या एक का निर्माण कार्य जल्द पूरा नहीं किया गया, तो टेंडर रद्द कर उसे भेल को सौंप दिया जायेगा. बिजली के मामले में केंद्र सरकार पूरी तरह बिहार के साथ है. बाढ़ एनटीपीसी के लिए शीघ्र कोयला खदान उपलब्ध करायेंगे. खदानों की नीलामी होगी. बिहार-झारखंड के खान की नीलामी से मिले पैसे को इन्हीं दोनों राज्यों में खर्च किया जायेगा. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी ने बेगूसराय में आइटीआइ को गोद लिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र के पास बिहार का एक हाइडल प्रोजेक्ट लंबित है. डागामारा में स्थापित होनेवाले इस प्रोजेक्ट को उन्होंने दिल्ली लौटते ही स्वीकृत करने का आश्वासन दिया.

खेती के लिए अलग फीडर : उधर, मुजफ्फरपुर के कांटी विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के दूसरे यूनिट का वाणिज्यिक उद्घाटन के मौके पर गोयल ने इसका नाम ‘जॉर्ज फर्नाडीस थर्मल पावर स्टेशन’ रखने की घोषणा की, तो तालियां गूंजनी लगीं. नये नामकरण की सीएम ने स्वीकृति दे दी. केंद्रीय कृषिमंत्री राधामोहन सिंह की मांग पर गोयल ने सूबे को चार हजार मेगावाट क्षमता वाला ‘अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट’ देने की घोषणा की. उन्होंने कहा, दिल्ली पहुंचते ही इस पर काम शुरू कर देंगे. सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि इसके लिए जितनी जल्दी हो जमीन देंगे. गोयल ने किसानों के लिए भी एक और बड़ी घोषणा की. कहा, पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से हर खेतों तक पानी के लिए बिजली पहुंचायेंगे. खेतों को बिजली के लिए अलग फीडर होगा. इसकी अलग लाइन बिछेगी. यह कार्य पूरे सूबे में होगा. बिहार सरकार प्लान बना कर बताये. हम इसे अनुमोदित कर कार्य करायेंगे. इधर, गोयल ने विद्युत भवन में फतुहा में आरएपीडीआरपी योजना के तहत चल रहे कार्य का उद्घाटन किया. फतुहा को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित हुआ था. योजना के तहत फतुहा में मीटरिंग कार्य, बिजली बिलिंग की सुविधा, उपभोक्ताओं को कनेक्शन संबंधी सारी जानकारी सहित अन्य सुविधाओं को लेकर कार्य शुरू किया गया था. इन पर लगभग शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है. उपभोक्ता अब यह जान पायेंगे कि उन्हें किस पोल नंबर से बिजली मिल रही है. उक्त पोल पर कितने कंज्यूमर हैं. बिजली खर्च करने की क्षमता क्या है. फतुहा के सभी उपभोक्ताओं को ऑनलाइन से जोड़ा गया है. राज्य में 71 शहरों को आरएपीडीआरपी योजना के तहत चयन किया गया था, जहां अभी काम चल रहा है.

यूपीए सरकार की देन : कांग्रेस

पटना. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर यूपीए सरकार के दौरान किये गये कार्यो को अपनी उपलब्धि बता कर श्रेय लेने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि बाढ़ एनटीपीसी व कांटी थर्मल पावर यूपीए सरकार की देन है. इन परियोजनाओं का मात्र उद्घाटन कर भाजपा सरकार इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है. यह कहीं से भी राजनीतिक मर्यादा के अनुकूल नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार पर बिहार के विकास को लेकर भेदभावपूर्ण नीति अपनाने व केंद्रीय राशि आवंटन में कटौती करने का आरोप लगाया है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता बीके ठाकुर ने कहा कि बिहार के साथ मोदी सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ कांग्रेस राज्यव्यापी जन जागरण अभियान चलायेगी.

सपना हुआ साकार : बीआइए

पटना. बाढ़ व कांटी परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन शुरू होने पर बीआइए ने प्रसन्नता व्यक्त की है. अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि आज का दिन बिहार के लिए महत्वपूर्ण है. आज सपना साकार हुआ. बिजली की कमी के कारण बिहार को बहुत कुछ खोना पड़ा. बहुत दर्द सहना पड़ा. राज्य का आर्थिक व औद्योगिक विकास भी प्रभावित हुआ.

विकास में नहीं हो राजनीति

पटना: बाढ़ में एनटीपीसी के थर्मल पावर के फेज-दो के उद्घाटन के मौके पर शनिवार को केंद्रीय मंत्रियों व एनडीए के सांसदों ने कहा कि राज्य के विकास में राजनीति नहीं होनी चाहिए. मंत्रियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. स्थानीय सांसद वीणा देवी ने कहा कि उन किसानों को मुआवजा देने की मांग की कि जिनकी जमीन थर्मल पावर में लगी है. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जमीन मां के समान होती है. जनता ने कलेजा के समान जमीन एनटीपीसी को दी है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने भी कहा था कि किसानों को मुआवजा और नौकरी देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा करने में सक्षम हैं.

विधानसभा में विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि बिहार के लिए यह ऐतिहासिक दिन है. बिहार को बिजली मिलने से विकास का रास्ता खुलेगा. उन्होंने कहा कि इसकी नींव अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी. उनको याद किये बिना यह पूरा नहीं होगा. यादव ने कहा कि अटल जी ने एक सेल बना कर बिहार को सालाना एक हजार करोड़ देने का निर्णय किया था. इसी राशि से विकास का काम तेज हुआ. उनके द्वारा मिले एक हजार करोड़ रुपये का योगदान अब दिख रहा है. बिहार में बिजली की समस्या के लिए केंद्र की पिछली सरकार पर ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बिहार के लिए बिजली के लिए कोल लिंकेज की समस्या नहीं रहेगी. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इसका शिलान्यास अटल जी ने किया था. आज नरेंद्र मोदी की सरकार में इसका उद्घाटन हो रहा है. इस योजना को पांच साल में पूरा होना था, पर 13-14 साल लग गये. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रयास से बिहार में अब लालटेन युग नहीं रहेगा. मोदी ने कहा कि वह दिन वापस न आये कि बिहार लालटेन युग में जाये. उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास के लिए दिल्ली की सरकार से लड़ने की जरूरत नहीं है. मिल कर विकास के लिए कार्य करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि बिहार को कोयला आवंटित होना चाहिए. बिहार के मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि हम 29 मई, 2006 को याद किये बगैर नहीं रह सकते. बाढ़ एनटीपीसी की बाढ़ इकाई को देश का पहला सुपर क्रिटिकल यूनिट बताते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र को बाढ़ एनटीपीसी के 660 मेगावाट के फेज एक को तवज्जो देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए नीतीश कुमार का नाम लिये बगैर नहीं रह सकते, रेल मंत्री रहते उनके प्रयास के कारण इसका शिलान्यास हुआ था. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और ओड़िशा ने बिजली लेने से इनकार किया है. वह बिजली बिहार को मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में सरपलस बिजली है.

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