पटना/फुलवारीशरीफ: फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र की बिड़ला कॉलोनी में खेल-खेल में हवलदार परशुराम राय के बेटे प्रभात कुमार (21) ने सरकारी कारबाइन से गोली चला दी, जो उनके पड़ोस में रहनेवाले किरायेदार अनिल कुमार गुप्ता के तीन साल के बेटे आर्यन के गले में लगी.
गंभीर रूप से घायल आर्यन को इलाज के लिए तुरंत ही पारस अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. छोटी दीवाली के दिन सुधा डेयरी के कर्मचारी अनिल कुमार गुप्ता के घर का इकलौता चिराग सदा के लिए बुझ गया.
इधर घटना के बाद हवलदार की पत्नी ने खून के निशान को हटाने के लिए पानी से धो दिया. इसके पूर्व गोली की आवाज सुन कर काफी संख्या में लोग जुट गये और हो-हंगामा करने लगे. लोगों ने पूरे घर को घेर लिया. इस घटना में बच्चे की दादी मीरा देवी बाल-बाल बच गयी. आर्यन उनकी ही गोद में खेल रहा था. घटना की जानकारी मिलने पर सिटी एसपी सत्यवीर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और मामले की छानबीन करने के बाद आरोपित प्रभात कुमार को गिरफ्तार कर लिया. हवलदार की कारबाइन भी जब्त कर ली. इस दौरान लोगों ने पुलिस के साथ नोक-झोंक व धक्का-मुक्की भी की.
बेड पर छोड़ दी थी कारबाइन : फुलवारीशरीफ थाने में तैनात हवलदार परशुराम राय बिरला कॉलोनी में प्रदीप कुमार के मकान में किरायेदार हैं. उन्हीं के मकान में सुधा डेयरी के कर्मचारी अनिल कुमार गुप्ता भी अपने परिवार के साथ रहते हैं. बुधवार को करीब साढ़े दस बजे हवलदार अपनी ड्यूटी से वापस लौटे और लापरवाही से अपनी सरकारी कारबाइन को बेड पर छोड़ दिया. इसी बीच मौके का फायदा उठाते हुए उनका बेटा प्रभात ने कारबाइन को ले लिया और दादी के गोद में खेल रहे आर्यन को डराना शुरू कर दिया. इसी बीच खेल-खेल में ही कारबाइन से गोली चल गयी, जो आर्यन के गले में लग गयी. गंभीर रूप से आर्यन घायल हो गया. लोगों ने उसे इलाज के लिए पारस अस्पताल लाया, लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को अस्पताल से ही कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया. इधर घटना के बाद हवलदार से पूछताछ की जा रही है. घटना के बाद लोगों ने हंगामा भी किया. एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि हवलदार के बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है. हत्या का मामला फुलवारीशरीफ थाने में दर्ज किया गया है.
मम्मी बताओ न, बाबू को क्या हुआ?
अजीत कुमार, फुलवारीशरीफ. इकलौते भाई की मौत पर एकमात्र मासूम आर्यन की पांच साल की बहन तनीषा का रो-रो कर बुरा हाल था. बहन तनीषा अपने छोटे भाई आर्यन के लिए घरौंदा सजा रही थी. वह दीपावली के दिन अपने मासूम भाई के साथ घरौंदा में खेलने की सपना संजोये हुए थी. इससे पहले कि वह अपने भाई के साथ घरौंदा से खेलती, उसका घरौंदा सजने के पहले ही टूट कर बिखर गया. घर में मां, दादी, पिता व अन्य परिजनों को रोते देख मासूम पांच साल की तनीषा को यह समझ नहीं आ रहा था कि आर्यन को क्या हुआ. बार-बार वह अपनी मां के गले से लिपट कर आर्यन के बारे में पूछ रही थी. उनके मुख से बस एक ही बात निकल रही थी, मम्मी बताओ न बाबू का क्या हुआ? शायद मासूम तनीषा को यह पता नहीं कि उसका भाई अब उसके साथ खेलने के लिए कभी वापस नहीं आयेगा.
मां बेहोश, दादी की पागल-सी स्थिति
घटना की जानकारी होते ही दीपावली की तैयारी में जुटे परिजन स्तब्ध रहे गये. चीख-पुकार सुन पूरे मुहल्ले में कोहराम मच गया. दादी की गोद में खून से लथपथ बच्चे को देखते ही उसकी मां नीतू गुप्ता बेहोश हो गयी. दादी की हालत पागल जैसी हो गयी और छाती पीट-पीट कर रोने लगी. उसकी चीत्कार से पूरा मुहल्ला गमगीन हो गया. जिस समय घटना हुई थी, उस समय आर्यन के पिता अनिल कुमार गुप्ता अपने कार्यालय में थे. वे जैसे ही सुने, वैसे ही बदहवास हालत में भागते हुए घर पहुंचे. इकलौते पुत्र को खून से सना देख बेहोश होकर गिर पड़े.