पटना: नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन योजना सरकार की प्राथमिकता है. इसको हर हाल में धरातल पर उतारना है. इस योजना को लेकर स्टेट प्लान के साथ-साथ मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना की राशि भी ट्रांसफर करने के लिए नियमावली में संशोधन करने जा रहे हैं.
जब तक पॉलीथिन पर रोक नहीं लगेगी, तब तक शहर को कचरा मुक्त नहीं किया जा सकता है. शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाना होगा. एक व्यक्ति तीन बार पॉलीथिन के साथ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. श्री चौधरी बुधवार को बिहार राज्य आवास बोर्ड के सभागार में ठोस कचरा प्रबंधन पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
समय से उठाव हो कचरा : राजधानी सहित सभी नगर निगम क्षेत्रों में दिन भर कचरा का उठाव होता है, जो ठीक नहीं है. कचरा उठाव की एक समय सीमा होना चाहिए. सुबह में पांच से नौ बजे और शाम में सात से 10 या 11 बजे तक सुनिश्चित होना चाहिए. एक समय सबसे गंदा शहर के रूप में फेमस सूरत में अब सुबह पांच बजे से सड़क धोने का काम शुरू हो जाता है. बिहार के लोग दीपावली से लेकर छठ पूजा तक सफाई को लेकर काफी जागरूक रहते हैं. कहीं गंदगी देखना नहीं चाहते हैं और सफाई कार्य में जुटे रहे हैं. उनकी इस भावना को सालों भर जगाने की जरूरत है. कार्यशाला में नगर आवास विकास विभाग के सचिव डॉ बी राजेंदर, बुडको एमडी डीके शुक्ला के साथ-साथ सभी नगर निगम के आयुक्त उपस्थित थे.
शत-प्रतिशत डोर टू डोर कचरा करना होगा कलेक्शन: रेड्डी
तेलंगाना के आयुक्त सह नगरपालिका प्रशासन के निदेशक डॉ बी जर्नादन रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना में छह निगम निगम हैं, जहां से प्रतिदिन 2900 मीटरिक टन कचरे का उठाव होता है. उसमें से 90 प्रतिशत कचरे की रिसाइकिलिंग कर ली जाती है. ठोस कचरा प्रबंधन के तहत शत प्रतिशत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सुनिश्चित करने के साथ-साथ ऑर्गेनिक और इन ऑर्गेनिक कचरे को अलग-अलग करना होगा, तभी शहर साफ रहेगा. डॉ रेड्डी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए यूजर चार्ज का प्रावधान किया जाये और प्राथमिकता के आधार पर वसूली सुनिश्चित होना चाहिए. तेलंगाना के डंपिंग यार्ड में शहर के बड़े-बड़े लोग अपने बेटे-बेटी के शादी समारोह का आयोजन करते हैं.