पटना: राज्य सरकार युवाओं को सरकारी नौकरियों का तोहफा देने जा रही है. अगले एक साल में राज्य में एक लाख नियमित नियुक्तियां की जायेंगी. इसके लिए अभियान चलाया जायेगा.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार की शाम अधिकारियों को यह टास्क सौंपा. आला अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने नियुक्तियों को लेकर समीक्षा बैठक की और इन पदों को तेजी से भरे जाने का निर्देश दिया. इन पदों में दारोगा, डॉक्टर, इंजीनियर, पंचायत सेवक, स्नातक व इंटर स्तरीय आदि पद शामिल हैं. मुख्यमंत्री को विभिन्न विभागों के सचिवों ने बताया कि कारा कक्षपाल के तीन हजार, अभियोजन निदेशालय में एक हजार, दारोगा के 2,250, सिपाही के 12 हजार, कनीय अभियंता के 26 हजार, डॉक्टरों के पांच हजार, कृषि समन्वयक के 4,200, पंचायत सचिव के 3,100 पद रिक्त हैं. इसके अतिरिक्त बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के जरिये 34 हजार पदों पर नियुक्तियां होनी हैं. उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अभी किन-किन स्तरों पर है.
मुख्यमंत्री ने इन पदों को भरे जाने के लिए चयन प्राधिकारों को तेजी लाने का निर्देश दिया. कहा, बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग और पुलिस भरती बोर्ड तीव्र गति से विज्ञापन जारी कर आवेदन प्राप्त करें, परीक्षा संपन्न कराये और नियुक्ति की कार्रवाई करें. उन्होंने यह भी कहा कि जिन विभागों में रिक्तियां सुलभ हैं, वहां की भी जानकारी एकत्रित कर उन्हें भी भरने की कार्रवाई की जाये.
मुख्यमंत्री ने आरक्षण नियम को सख्ती से लागू कराये जाने का भी निर्देश दिया. कहा कि रोस्टर अनुमोदन के कार्य को गति देने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग में आरक्षण आयुक्त के पद पर किसी योग्य अधिकारी का पदस्थापन जल्द किया जाये. परीक्षा संचालन में आइटी के इस्तेमाल का भी उन्होंने निर्देश दिया
बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त एसके नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष जेके राव, डीजीपी पीके ठाकुर, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, कृषि विभाग के प्रधान सचिव प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव और पुलिस भरती बोर्ड के वरीय अधिकारी मौजूद थे.