गया:गया-मुगलसराय रेलखंड पर इसमाइलपुर-रफीगंज स्टेशनों के बीच गेट नंबर-16 के पास माओवादी घटना हुई है जहां ड्राइवर की सूझबूझ से सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई. प्रभात खबर संवादादता के अनुसार माओवादी राजधानी एक्सप्रेस को अपना निशाना बनाना चाहते थे जिसमें वे कामसाब नहीं हो सके हालांकि इसके बाद वहां से गुजरने वाली हावड़ा-जोधपुर उनके निशाने पर आ जाती लेकिन ड्राइवर की सूझबूझ से उसे बचा लिया गया.
उग्रवादियों ने रेलवे ट्रैक उड़ाया,राजधानी को उड़ाने की थी योजना
पायलट ट्रेन के ड्राइवर गुलाम शाह ने अपनी सूझबूझ से सामने से आ रही ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया. राजधानी के आगे वे पायलट ट्रेन से जा रहे थे तभी पोल संख्या 5-25 के पास पहुंचने पर उन्हें जोरदार धमाका सुनाई पड़ा. धमाके की आवाज से उन्हें माओवादी हमले का शक हुआ. वे अपने पायलट ट्रेन से आगे बढ़े तो पाया कि माओवादियों ने ट्रेन की पटरी को धमाके से उड़ा दिया है जबतक वे कुछ समझ पाते तबतक उनका पायलट ट्रेन पटरी छोड़ चुका था.
गुलाम शाह ने बताया कि जैसे ही उनका पायलट ट्रेन के दो पहिये ट्रेक से उतरे तो उनकी नजर सामने आ रही एक ट्रेन पर पड़ी. यह हावड़ा-जोधपुर ट्रेन थी जिसपर सैकड़ों यात्री सवार थे. उन्होंने अपनी जान को खतरे में डालकर सामने से आ रही ट्रेन को रेड सिग्नल दिया. वे जानते थे कि यदि ट्रेन से बाहर निकलकर वे ऐसा करते हैं तो माओवादी उनको जान से मार देंगे लेकिन उन्होंने इसकी परवाह किये बिना ही सामने से आ रही ट्रेन को सिग्नल देना शुरु किया.
सामने से सिग्नल आता देख उसके ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया. ड्राइवर के ब्रेक लगाने के बाद यह ट्रेन घटना स्थल ये कुछ दूरी पर रुक गई जिससे सैकड़ो यात्रियों की जान बच गई. घटना के बाद डाउन लाईन बंद था जिसे सुबह चालू किया गया. लाइन चालू होने के बाद हावड़ा-जोधपुर ट्रेन को रवाना किया गया. घटना के बाद सभी राजधानी एक्सप्रेस को रोक दिया गया. सुबह तक पड़ैया,काष्ठा और गया में राजधानी खड़ी पाई गई.घटना के 11 घंटे बाद अप-डाउन लाईन फिर से चालू कर दिया गया है.गुलाम शाह ने बताया कि माओवादी घटना के होने की आशंका के मद्देनजर उन्हें 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने को कहा गया था.