पटना: मेयर अफजल इमाम की कुरसी बच गयी. उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को सिर्फ एक वोट से गिर गया. विपक्षी गुट को प्रस्ताव पास कराने के लिए कम-से-कम 37 पार्षदों का समर्थन चाहिए था, लेकिन 36 वोट ही मिले. 72 सदस्यीय पटना नगर निगम में 44 पार्षद ही विशेष बैठक में उपस्थित हुए, जिनमें 39 ने वोटिंग की.
36 ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाले, जबकि एक पार्षद ने क्रॉस वोटिंग करते हुए वोट प्रस्ताव के विपक्ष में डाला. दो वोट तकनीकी कारणों से रद्द हो गये. मेयर गुट के 28 पार्षद बैठक में शामिल नहीं हुए.
11:25 बजे शुरू हुई कार्यवाही : एसकेएम हॉल के सभा कक्ष में अविश्वास प्रस्ताव पर डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता की अध्यक्षता में विशेष बैठक हुई. इसमें आयुक्त कुलदीप नारायण भी शामिल रहे. बैठक सुबह 11 बजे निर्धारित थी, लेकिन 11:10 बजे तक सिर्फ 44 पार्षद ही सदन में उपस्थित हुए. बाद में 11:25 बजे बैठक की कार्यवाही शुरू हुई. एक घंटा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद 12:38 बजे वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई.
सत्ता पक्ष के सिर्फ पांच पार्षद : 10:55 बजे तक मेयर अफजल इमाम के नहीं पहुंचने पर चर्चा शुरू हुई. इसी बीच मेयर अपने चार समर्थक पार्षदों के साथ सदन में उपस्थित हुए. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हस्ताक्षर करनेवाले तोता चौधरी, मनोज जायसवाल, संजय कुमार और शिव मेहता भी शामिल थे. बैठक में 44 पार्षदों ने हाजिरी बनायी. वार्ड दो के पार्षद दीपक कुमार चौरसिया, वार्ड पांच की पार्षद हेमलता वर्मा, वार्ड 38 की पार्षद सुषमा साहू और वार्ड 60 के पार्षद बलराम चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बोला. चारों का जवाब खुद मेयर ने दिया.
वोटिंग से मेयर ने किया इनकार : अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई. नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने सदन में उपस्थित पार्षदों को मतदान की प्रक्रिया की जानकारी दी. वार्ड एक के पार्षद संजय कुमार सिंह ने पहले वोटिंग की और आखिरी में वार्ड 72 के वार्ड पार्षद सुधीर कुमार ने. एक बजे वार्ड 52 के वार्ड पार्षद होने के नाते मेयर की वोटिंग की बारी आयी, तो मेयर ने इनकार करते हुए कहा कि प्रक्रिया जारी रखिए. इस तरह वार्ड 62 के पार्षद शिव मेहता और वार्ड 67 के पार्षद मनोज जायसवाल ने वोट देने से इनकार किया.