पटना: रिटायर्ड आइएएस अधिकारी और महावीर वात्सल्य अस्पताल के एडिशनल डायरेक्टर वशीमुद्दीन अंजुम की पौने दो साल की पोती ताहिरा को उनके ही कारचालक राजकुमार ने मंगलवार को अगवा कर लिया. यह घटना उनके पाटलिपुत्र कॉलोनी (रोड नंबर चार ए, मकान संख्या 180-ए) स्थित आवास के पास की है. इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में डीएसपी (विधि-व्यवस्था) ममता कल्याणी व पाटलिपुत्र थाने की पुलिस उनके आवास पर पहुंची.
पुलिस ने आरोपित चालक के नासरीगंज, दानापुर व पैतृक आवास दानापुर के पानापुर दियारा में छापेमारी की, लेकिन न तो ताहिरा मिली और न ही राजकुमार का पता चल पाया. वशीमुद्दीन अंजुम मूल रूप से सुपौल के रहनेवाले हैं. वह पटना में कई सालों से रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह मकान छह साल पहले बनवाया था और फिलहाल वह इसी मकान में रह रहे थे.
मोबाइल स्विच ऑफ मिला : कुछ और देर इंतजार करने के बाद भी चालक व ताहिरा नहीं लौटे, तो उन्हें शक हुआ. फिर उससे मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया. एक बार उसका रिंग हुआ, लेकिन किसी ने नहीं उठाया. दूसरी बार जब कॉल किया गया, तो चालक का मोबाइल फोन ऑफ हो गया. वशीमुद्दीन अंजुम ने अपने पड़ोसी व पटना हाइकोर्ट में अधिवक्ता जेपी शुक्ला को घटना की जानकारी दी.
इसके बाद तुरंत ही एसएसपी व पाटलिपुत्र पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी. अचानक पौने दो साल की बच्ची के गायब होने की खबरमिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और विधि व्यवस्था डीएसपी ममता कल्याणी व पाटलिपुत्र थाने की पुलिस उनके आवास पर पहुंची. इसके बाद चालक के दानापुर के नासरीगंज स्थित आवास पर छापेमारी की गयी. वशीमुद्दीन अंजुम ने बताया कि सितंबर, 2012 में उन्होंने चालक को काम पर रखा था. उन्होंने उसके चरित्र पर किसी प्रकार का संदेह जाहिर नहीं किया और बताया कि वह जब से यहां काम कर रहा है, उसके व्यवहार से कभी ऐसा नहीं लगा कि वह इस तरह की घटना को अंजाम दे सकता है. उन्होंने बताया कि अब उसे ऐसा क्यों किया, वहीं इस संबंध में जानकारी दे सकता है.